BSP leader Sukhdeo Rajbhar News: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी को एक औक झटका लगा है. आजमगढ़ के दीदारगंज से एमएलए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के बेटे जल्द ही साइकिल की सवारी करते हुए नजर आएंगे. सुखदेव राजभर ने बीएसपी के मूवमेंट पर सवाल खड़े करते हुए सपा और अखिलेश यादव पर भरोसा जताया है. उन्होंने अखिलेश यादव की नीतियों की तारीफ भी की है.
बीएसपी के बड़े नेताओं में रहे शुमार
सुखदेव राजभर बीएसपी के पिछड़ा वर्ग के बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते रहे हैं. 2007 में मायावती की सरकार में विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. सुखदेव राजभर कई बार कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. सुखदेव आजमगढ़ की दीदारगंज सीट से लगभग 3 दशकों से जीतते चले आ रहे हैं. उनका पार्टी का साथ छोड़ना बीएसपी के लिए एक बड़ा झटका है.
बीएसपी की रणनीति पर खड़े हो रहे है सवाल
एक तरफ जहां मायावती सतीश चंद्र मिश्रा के सहारे ब्राह्मणों को पार्टी से जोड़ने में जुटी हैं वहीं दूसरी तरफ सुखदेव राजभर जैसे कद्दावर नेता का इस तरह से पत्र लिखना बीएसपी की रणनीति पर सवाल खड़े करता है. जल्द ही अखिलेश यादव की मौजूदगी में सुखदेव राजभर के बेटे सपा ज्वाइन करेंगे.
बीएसपी ब्राह्मणों का हित करने वाली पार्टी है
बता दें कि, बीएसपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है. हाल ही में सुल्तानपुर में प्रबुद्ध विचार गोष्ठी में लोगों को संबोधित करते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था कि ब्राह्मणों का हित करने वाली बहुजन समाज पार्टी ही है. लिहाजा, आने वाले विधानसभा चुनाव में लोग एकजुट हों और इसी के पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों से अनुरोध करें. बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा था कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता परेशान है, उसे न्याय दिलाने के लिए रणनीति बनाकर हम चुनाव मैदान में उतरेंगे.
बीएसपी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी
वहीं, गठबंधन के सवाल पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था कि अन्य पार्टियों की जमीन खिसक चुकी है, वो अकेले चलने लायक नहीं हैं. गठबंधन करके वो इधर-उधर से अपना जनाधार खोजने में लगे हुए हैं. उन्होंने साफ कहा था कि बीएसपी अपने दम पर अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
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