डिप्रेशन में गए यूपी के बाहुबली मुख़्तार अंसारी का कैप्टन कौन?
आरोप है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे और मुख़्तार के बेटे की दोस्ती पंजाब के एक बिल्डर ने कराई थी.
लखनऊ: यूपी के डॉन मुख़्तार अंसारी डिप्रेशन में हैं. इसीलिए पंजाब के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें 3 महीने के लिए आराम करने की सलाह दी है. उन्हें बेड रेस्ट पर रहने को कहा गया है. यूपी की अलग-अलग अदालतों में मुख़्तार पर हत्या से लेकर मारपीट तक के केस हैं. लेकिन पिछले 20 महीनों से बीमारी का बहाना बना कर वे यूपी नहीं आ रहे हैं. इसीलिए सवाल उठने लगे हैं कि आख़िर उनकी मदद कौन कर रहा है? पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार मुख़्तार को क्यों बचा रही है? आरोप लग रहे हैं कि कैप्टन के परिवार और मुख़्तार परिवार के करीबी रिश्ते हैं. लोग पूछ रहे हैं कैप्टन से डॉन का क्या कनेक्शन है?
यूपी के बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी पिछले साल के जनवरी महीने से ही पंजाब जेल में हैं. यूपी पुलिस उन्हें अपने यहां लाने के लिए कई बार चिट्ठी लिख चुकी है. राज्य में जेल विभाग के डीजी आनंद कुमार ने बताया कि तीस बार पंजाब सरकार को लिखा जा चुका है. लेकिन हर बार बीमारी का बहाना कर मुख़्तार वहां से हिलते नहीं हैं. अपने जुगाड़ के कारण मुख़्तार की यूपी की अदालतों में पेशी नहीं हो पा रही है. रोपड़ गई यूपी पुलिस की टीम को हर बार ख़ाली हाथ लौटना पड़ता है. हर बार मुख़्तार के बीमार होने का मेडिकल सर्टिफिकेट यूपी सरकार को भेज दिया जाता है.
उमंग जिंदल ने रंगदारी मांगने का केस किया
मुख़्तार अंसारी के यूपी से पंजाब जेल की कहानी किसी रहस्य से कम नहीं है. 2017 से ही वे यूपी के बांदा जेल में बंद थे. रोपड़ के एक बिल्डर उमंग जिंदल ने उनके ख़िलाफ़ रंगदारी मांगने का केस किया. जिसके बाद मोहाली की कोर्ट में उन्हें पेश करने के लिए पंजाब की पुलिस बांदा पहुंच गई. अदालत ने मुख़्तार को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर जेल भेज दिया. इसके बाद यूपी पुलिस ने पंजाब पुलिस को उन्हें वापस भेजने को कहा. इस बात को क़रीब दो साल हो गए. लेकिन क़ानूनी दांव पेंच का जानकार तब से पंजाब की जेल में ही है.
मुख़्तार पिछले पंद्रह सालों से जेल में हैं
आरोप है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे और मुख़्तार के बेटे की दोस्ती पंजाब के एक बिल्डर ने कराई थी. नेशनल शूटर रहे अब्बास अब पंजाब राइफ़ल क्लब के मेंबर भी हैं. मुख़्तार को पंजाब लाने के लिए उन पर एक झूठा मुक़दमा कराया गया. इसके लिए बिल्डर उमंग जिंदल की मदद ली गई. पुलिस ने बिना वॉयस सैंपल लिए ही मुख़्तार को गिरफ़्तार कर लिया गया. जिस हड़बड़ी और सुपर एक्टिव मोड में पंजाब पुलिस ने काम किया, वही कई सवाल खड़े करती है. पांच बार विधायक रहे मुख़्तार पर कई केस चल रहे हैं. दस साल पहले एक ठेकेदार के मर्डर में उनका नाम आया. बाद में इस केस के गवाह और उसके सुरक्षाकर्मी की भी हत्या हो गई. प्रयागराज के एमपीएमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई आखिरी दौर में है. इसीलिए मुख़्तार वहां अदालत में पेश होने से बचना चाहते हैं. मुख़्तार पिछले पंद्रह सालों से जेल में हैं. वहीं से हर बार वे विधानसभा का चुनाव जीत लेते हैं. उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी बीएसपी से लोकसभा के सांसद हैं.
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