BSP Target on Sibgatullah Ansari: पूर्वांचल के माफिया डॉन के तौर पर बदनाम बीएसपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बड़े भाई सिबगतउल्ला अंसारी (SibgatUllah Ansari) बहुजन समाज पार्टी छोड़कर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए. सिबगतउल्ला के पार्टी छोड़ने के बाद बीएसपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और उन्हें दगा हुआ कारतूस करार दिया. बीएसपी के राज्यसभा सांसद डा० अशोक सिद्धार्थ ने पहले तो यह सफाई दे डाली कि, सिबगतउल्ला पिछले काफी दिनों से निष्क्रिय थे, इसी वजह से पार्टी उन्हें पहले ही निष्कासित कर चुकी है. इसके बाद उन्होंने मुख्तार अंसारी के बारे में भी यह चौकाने वाला बयान दे दिया कि पार्टी मुख्तार को बीएसपी में बने रहने के लिए न तो रोकने की कोशिश करेगी और न ही मनाने की. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह डाला कि, अंसारी ब्रदर्स के बाकी भाइयों मुख्तार और अफ़ज़ाल के भी बीएसपी छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उनके मुताबिक़ किसी के छोड़ने या निकाले जाने के बाद बीएसपी कभी कमज़ोर नहीं हुई, बल्कि यह ज़रूर होता है कि बीएसपी छोड़ने वाले लोग खुद शून्य हो जाते हैं.
क्या होगा मुख्तार अंसारी का अगला कदम
पूर्वांचल की सियासत में ख़ासा दबदबा रखने वाले अंसारी ब्रदर्स के बड़े भाई सिबगतउल्ला के बीएसपी छोड़कर साइकिल की सवारी करने और उसके बाद मुख़्तार को लेकर पूछे गए सवालों पर बीएसपी सांसद डा० अशोक सिद्धार्थ की तीखी प्रतिक्रिया ने आज यूपी के सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है. इसके बाद तमाम सवाल उठने लगे हैं. सबसे अहम सवाल यही है कि क्या मुख्तार अंसारी यूपी विधानसभा चुनाव से हाथी की सवारी छोड़ना चाहते हैं या फिर दागी छवि और योगी सरकार में माफिया घोषित किये जाने के बाद बीएसपी ही अब अंसारी ब्रदर्स से पीछा छुड़ाना चाहती है. सवाल यह भी है कि जेल में रहते हुए भी लगातार कई चुनाव जीतने वाले मुख़्तार अगर दूसरी बार बीएसपी से अलग होते हैं तो उनका अगला कदम क्या होगा. वह साइकिल की सवारी करेंगे, अपनी कौमी एकता पार्टी को फिर से जीवित करेंगे या फिर कांग्रेस समेत किसी दूसरी कम जनाधार वाली पार्टी का दामन थामेंगे.
सिबगतउल्ला दगे कारतूस हैं
सिबगतउल्ला के बीएसपी छोड़कर सपा में शामिल के सवाल पर बीएसपी के राज्यसभा सांसद डा० अशोक सिद्धार्थ ने मोर्चा संभाला. उन्होंने कहा सिबगतउल्ला दगे कारतूस हैं. उन्होंने बीएसपी छोड़ा नहीं है, बल्कि उन्हें पहले ही निकाला जा चुका था. उनके या दूसरे अंसारी ब्रदर्स के बीएसपी छोड़ने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीएसपी आगे बढ़ती रहती है, जबकि उसे छोड़ने वाले लोग शून्य हो जाते हैं. उनसे जब यह पूछा गया कि पूर्वांचल में पार्टी के मजबूत स्तम्भ माने जाने वाले मुख्तार अंसारी को बीएसपी में रोके रखने के लिए पार्टी उन्हें मनाने या रोकने की कोई कोशिश करेगी तो उन्होंने इस संभावना से साफ इंकार कर दिया और कहा कि बीएसपी ऐसी कोई कोशिश नहीं करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सपा के भी तमाम लोग अक्सर बीएसपी में शामिल होते रहते हैं, लेकिन हमारी पार्टी उसका शोर शराबा नहीं करती है.
पहले सिबगतउल्ला के पाला बदलने और उसके बाद मुख़्तार को लेकर पूछे गए सवालों पर बीएसपी की तीखी प्रतिक्रिया ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. तमाम सवाल उठने लगे हैं और तमाम संभावनाएं हवा में तैरने लगी हैं.
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