Hate Speech Case: उत्तर प्रदेश के बलिया (Ballia) की एक स्थानीय अदालत ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने के आरोप में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व सांसद बब्बन राजभर (Babban Rajbhar) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पूर्व विधायकों सनातन पांडे (Sanatan Pandey) और राम इकबाल सिंह (Ram Iqbal Singh) को बुधवार को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया.


अभियोजन पक्ष के अनुसार दो दिसम्बर 2012 को चुनाव उड़नदस्ते के कार्यपालक दंडाधिकारी शरद कुमार सिंह की शिकायत पर सलेमपुर सीट से पूर्व सांसद बब्बन राजभर के अलावा सपा के पूर्व विधायकों सनातन पाण्डेय और राम इकबाल सिंह के विरूद्ध चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रसड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.


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क्या है मामला?
पुलिस ने विवेचना के बाद तीनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. विशेष एमपी एमएलए अदालत की न्यायाधीश तपस्या त्रिपाठी की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुबूतों के अभाव में बुधवार को सभी आरोपियों को बरी कर दिया. सनातन पांडेय और राम इकबाल सिंह चिलकहर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं.


सनातन पांडेय ने पिछला लोकसभा चुनाव बलिया से सपा के टिकट पर लड़ा था. वह वर्ष 2012 से 2017 के बीच रही अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री भी थे. बब्बन राजभर बीएसपी के टिकट पर सलेमपुर सीट से सांसद रह चुके हैं. उन्होंने बीएसपी के टिकट पर 1999 में इस सीट से जीत दर्ज की थी. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बीएसपी का गठबंधन होने पर उन्होंने बीएसपी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.


इसके बाद बीजेपी ने बीते विधानसभा चुनाव में उन्हें रसड़ा से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि बीएसपी के टिकट पर उमाशंकर सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. जबकि बब्बन राजभर को हार का सामना करना पड़ा था.