UP News: बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली (Danish Ali) ने राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से शायर मोहम्मद इकबाल (Mohammad Iqbal) से जुड़ा अध्याय हटाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की अकादमिक परिषद की ओर से प्रस्ताव पारित करने पर रविवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा.
दानिश अली ने कहा,“ दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम से अल्लामा इकबाल से जुड़े अध्याय को हटाकर नई संसद के उद्घाटन के दौरान पृष्ठभूमि में 'सारे जहां से अच्छा' बजाना 'नए भारत' के अंतर्विरोध को उजागर करता है.” वह रविवार को उद्घाटन समारोह के दौरान नए संसद भवन के निर्माण पर दिखाई गई एक लघु फिल्म की पृष्ठभूमि में बज रहे गीत की धुन का जिक्र कर रहे थे.
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नहीं पहुचे बसपा सांसद
बसपा के अन्य सांसदों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया, जबकि दानिश अली इस दौरान मौजूद नहीं थे. अविभाजित भारत के सियालकोट में 1877 में जन्मे इकबाल ने प्रसिद्ध गीत 'सारे जहां से अच्छा' लिखा था. उन्हें अक्सर पाकिस्तान का विचार देने का श्रेय दिया जाता है.
डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने शनिवार को कहा था कि भारत को तोड़ने की नींव रखने वालों को पाठ्यक्रम में नहीं होना चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि 'आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार' नाम का अध्याय बीए के छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मामला अब विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष पेश किया जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेगी.
डीयू की अकादमिक परिषद द्वारा राजनीतिक विज्ञान पाठ्यक्रम से पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि मोहम्मद इकबाल से संबंधित एक अध्याय को हटाने का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि भारत को तोड़ने की नींव रखने वालों को पाठ्यक्रम में नहीं होना चाहिए.बता दें कि प्रसिद्ध गीत 'सारे जहां से अच्छा' के रचयिता मोहम्मद इकबाल का जन्म 1877 में अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था.