UP News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बीएसपी (BSP) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बीएसपी भी अब बीजेपी (BJP) के रास्ते पर चल निकली है. अब ये बात बीजेपी नेताओं को चुभने लगी है. बसपा ने बीजेपी के खिलाफ उसी के तरीके पर काम करते हुए बूथ स्तर पर युवाओं को जोड़ने की रणनीति बनाई है. 


बीएसपी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हर बूथ पर पांच युवाओं की कमेटी बनाने जा रही है. जबकि हर स्तर पर बनी हुई कमेटियों में 50 फीसदी युवाओं को तरजीह देने जा रही है. लेकिन बसपा के इस नई चाल पर बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है. केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा, "बीएसपी को नई रणनीति से कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि उनके पास जमीनी स्तर पर बूथ मैनेजमेंट के लिए कोई तंत्र ही नहीं है."


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ये कर रहे विरोध
बीएसपी के युथ वाले एलान के बाद बीएल वर्मा ने कहा कि बीएसपी का नाम तो बहुजन है. पार्टी केवल एक जन बनकर रह गई है. मुझे नहीं लगता कि वो बीजेपी की राह पर काम कर पाएंगे. हमारे कार्यकर्ता जिस तरह मन से काम करते हैं वो करते रहेंगे. आने वाले समय में कोई भी चुनाव में जनता और बड़े बहुमत से जीताने का काम करेगी. इस बयान से स्पष्ट हो गया कि बीजेपी की नजर भी विरोधी दलों के प्लान पर है. 


खास बात ये है कि बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान जब से ओबीसी समाज से आने वाले विश्वनाथ पाल के हाथ में दी है, तभी से पार्टी अपनी रणनीति को धार देने में लगी है. उन्होंने पिछड़े वर्ग में पार्टी की पैठ को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है. वहीं इमरान मसूद और अतीक अहमद की पत्नी के चेहरे पर पश्चिम से पूर्व तक मुस्लिम वोट की गोलबंदी की जा रही है. जिसके बाद अब युवाओं को बीएसपी से जोड़ने के लिए 'एक बूथ पर पांच यूथ' वाला प्लान आया है.