UP Politics: 'RSS दफ्तर से तय होती है सपा की नीति', विश्वनाथ पाल ने किया अखिलेश यादव पर पलटवार
UP Nikay Chunav: बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती की नीति पर दूसरे लोग चलने का प्रयास करते हैं, उसकी नकल करते हैं.
UP Nagar Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर बसपा (BSP) ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल (Vishwanath Pal) ने कहा कि हमारे सभी सांसद पहले से फील्ड में है. जो भी रणनीति हमारी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) बना रही निश्चित रूप से उसके आधार पर हम चुनाव में जाएंगे और उनमें बसपा बड़े दल के रूप में चुनकर आएगी. निकाय का चुनाव शहरों का चुनाव है और लोकसभा शहर व देहात दोनों का. हम सभी चुनाव में नंबर 1 के दल के रूप में आएंगे, चाहे निकाय हो या लोकसभा चुनाव. जो तैयारी हम निकाय चुनाव के लिए कर रहे उसका फायदा 2024 में भी मिलेगा.
बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बसपा के प्रत्याशी बीजेपी दफ्तर से तय होते हैं. विश्वनाथ पाल ने कहा कि सपा के आरोप सरासर गलत है. बसपा सुप्रीमो मायावती की नीति पर दूसरे लोग चलने का प्रयास करते हैं, उसकी नकल करते हैं. बसपा के कैंडिडेट तो बीजेपी कार्यालय से नहीं तय होते लेकिन सपा की नीति जरूर आरएसएस दफ्तर से तय होती है.
समाजवादी पार्टी पर लगाया आरोप
विश्वनाथ पाल ने कहा कि अभी आजमगढ़ का उपचुनाव हुआ जहां अखिलेश के चचेरे भाई चुनाव लड़ रहे थे, अखिलेश वहां एक दिन भी प्रचार करने नहीं गए. अगर आरएसएस का दबाव नहीं था, अगर भाजपा की बी टीम नहीं है तो उन्होंने प्रचार क्यों नहीं किया? रामपुर में चुनाव होता तो एक बार फॉर्मेलिटी के लिए जाते, वहीं जब इनकी पत्नी मैनपुरी से लड़ती तो रात दिन गली-गली खाक छानने लगते हैं और मैनपुरी में जो बीजेपी का कैंडिडेट था वो भी सपा कुनबे से निकालकर ही बनाया जाता है. ये मिलीभगत नहीं है?
बसपा नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता भरी संसद में कहते हैं कि माननीय मोदी जी को एक बार फिर से आना चाहिए. जब मुख्यमंत्री शपथ लेते हैं तो दोनों पिता-पुत्र मंच पर पहुंचते हैं और कान में बात करते हैं, ये टीम बी नहीं है? बसपा नेता ने आजम खान का जिक्र करते हुए कहा कि आजम सपा के बड़े नेता है. नासिर हसन, इरफान, याकूब कुरैशी यह सब सपा के बड़े नाम है. इनके ऊपर जब फर्जी तरीके से उत्पीड़न हुआ, तो यही समाजवादी लोग आरएसएस की नीति की वजह से उनका हाल लेने नहीं पहुंचे.
आरएसएस की नीति पर चलने का आरोप
विश्वनाथ पाल ने कहा कि बसपा की नीति मायावती बनाती है, जबकि समाजवादी पार्टी आरएसएस की रणनीति पर चलती है. उनके कार्यालय से चलती है. सपा मुस्लिम समाज का वोट लेने की उनकी सबसे बड़ी हितैषी बनती है, लेकिन जब उन पर संकट आता तो ये अलग खड़े हो जाते है. मुस्लिम समाज ने पूरी ताकत से इन को वोट देकर देख लिया.
शाइस्ता परवीन को लेकर कही ये बात
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को लेकर विश्वनाथ पाल ने कहा कि बहन जी ने स्पष्ट कहा है कि जब शाइस्ता परवीन बसपा में शामिल हुई तो उन पर कोई मुकदमा या आरोप नहीं था. अब इस घटना में मायावती ने कहा है कि जैसे ही उनपर दोष सिद्ध होता है उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा. इनाम घोषित होने के मामले पर मायावती विचार करेंगी. रही बात कानूनी कार्रवाई की तो बसपा के सदस्य हैं, इससे कार्रवाई नहीं रुकनी चाहिए. हम भी मांग करते हैं कि जो लोग इस घटना में शामिल है उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
विश्वनाथ पाल ने आरक्षण के मामले पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी देश प्रदेश की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है. जनता का मजाक बना दिया है. भाजपा की तैयारी नहीं थी इसलिए भाजपा ने निकाय चुनाव को लेकर सब नाटक किया है. अगर ये ईमानदारी से पिछड़ों, अतिपिछड़ों, एससी, एसटी का आरक्षण लागू कर दिए होते तो किसी को कोर्ट नहीं जाना पड़ता. 69,000 पदों की जो शिक्षक भर्ती हुई उसमें तमाम लोग चिल्लाते रहे कि आरक्षण से खिलवाड़ हुआ है, उसमें भी कोर्ट ने कहा है कि शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की गई है. ये कहते कि माफिया प्रदेश छोड़कर भाग गए, अगर माफिया साइलेंट हो गए होते तो दिनदहाड़े हत्या क्यों हो जाती हैं.
दुर्गा पाठ पर भी दिया प्रतिक्रिया
नवरात्रि में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण का पाठ कराने के निर्देश पर विश्वनाथ पाल ने कहा कि इनके निर्देश से कोई पूजा पाठ नहीं करेगा. ये तो नाटक करते रहते हैं, धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए. ये भारत देश विभिन्न धर्मों का देश है. संविधान में सभी धर्मों के लिए जगह है. जब जो त्यौहार आता है जिस धर्म के मानने वाले लोग होते हैं मनाते हैं. धर्म आस्था और विश्वास की चीज है. जिसकी जहां आस्था और विश्वास होगा वह नवरात्रि में व्रत भी रखेगा, चालीसा भी पढ़ेगा. उसमें इनके कहने से कोई कुछ नहीं होगा, हमें इस पर बात नहीं करनी चाहिए.
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