Uttar Pradesh News: निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) की तैयारी को लेकर बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल  (BSP State President Vishwanath Pal) ने कहा कि हमारे सभी सांसद पहले से फील्ड में हैं. जो भी रणनीति हमारी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) बना रहीं हैं निश्चित रूप से उसके आधार पर हम चुनाव में जाएंगे और उनमें बसपा बड़े दल के रूप में सामने आएगी. निकाय का चुनाव शहरों का चुनाव है. हम सभी चुनाव में नंबर एक दल के रूप में आएंगे, चाहे निकाय हो या लोकसभा चुनाव. जो तैयारी हम निकाय चुनाव के लिए कर रहे हैं उसका फायदा 2024 (Lok Sabha Election 2024) में भी मिलेगा.


अतीक अहमद पर क्या कहा बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को लेकर विश्वनाथ पाल ने कहा कि, बहन जी ने स्पष्ट कहा है कि जब शाइस्ता परवीन बसपा में शामिल हुईं तो उन पर कोई मुकदमा या आरोप नहीं था. अब इस घटना में मायावती ने कहा है कि जैसे ही उनके ऊपर दोष सिद्ध होता है उनको पार्टी से निकाल दिया जाएगा. इनाम घोषित होने के मामले पर उन्होंने कहा कि इस पर मायावती विचार करेंगी. रही बात कानूनी कार्यवाही की तो वे बसपा के सदस्य हैं इससे कार्रवाई नहीं रुकनी चाहिए. हम भी मांग करते हैं कि जो लोग इस घटना में शामिल हैं उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, बहन जी भी यही मांग कर चुकी हैं. शासन-प्रशासन सजा दे बसपा उस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी. बाकी पार्टी को जब जरूरत लगेगी तो अपनी कार्रवाई करेगी. पार्टी में रहने या ना रहने से उनको जो सजा मिलनी है वह नहीं रोकी जा सकती. शासन-प्रशासन जो उचित कार्यवाही होगी करेगा, हम भी मांग करते हैं कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान कि बसपा के प्रत्याशी बीजेपी कार्यालय से तय होते हैं पर पलटवार करते हुए बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि सपा के आरोप सरासर गलत हैं. बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती की नीति पर दूसरे लोग चलने का प्रयास करते हैं, उसकी नकल करते हैं. बसपा के कैंडिडेट तो बीजेपी कार्यालय से नहीं तय होते, लेकिन सपा की नीति आरएसएस कार्यालय से जरूर तय होती है.


सपा नेता बोलते हैं कि मोदी को आना चाहिए- विश्वनाथ पाल
बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि, अभी आजमगढ़ का उपचुनाव हुआ जहां अखिलेश के चचेरे भाई चुनाव लड़ रहे थे. अखिलेश एक दिन भी वहां प्रचार करने नहीं गए. अगर आरएसएस का दबाव नहीं था, अगर बीजेपी की बी टीम नहीं हैं तो क्यों नहीं गए प्रचार करने? रामपुर में चुनाव होता तो एक बार फॉर्मेलिटी के लिए जाते, वहीं जब इनकी पत्नी मैनपुरी से लड़ती तो रात दिन गली-गली खाक छानने लगते हैं और मैनपुरी में जो बीजेपी का कैंडिडेट होता है वह भी समाजवादी पार्टी के कुनबे से निकालकर ही बीजेपी बनाती है, यह मिलीभगत नहीं है? भरी पार्लियामेंट के अंदर समाजवादी पार्टी के नेता बोलते हैं कि माननीय मोदी जी को एक बार और आना चाहिए. जब मुख्यमंत्री शपथ लेते हैं तो समाजवादी पार्टी के बाप-बेटे मंच पर पहुंचते हैं और कान में बात करते हैं, यह बी टीम नहीं है?


सपा चलती है आरएसएस की रणनीति पर- विश्वनाथ पाल
बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि आजम खान उनके बड़े नेता हैं. नासिर हसन, इरफान, याकूब कुरैशी यह सब सपा के बड़े नाम हैं. इनके ऊपर जब फर्जी तरीके से उत्पीड़न हुआ, यही समाजवादी के लोग आरएसएस की नीति के चलते हाल लेने नहीं पहुंचे. बसपा की नीति मायावती बनाती हैं, जबकि समाजवादी पार्टी आरएसएस की रणनीति पर चलती है, उनके कार्यालय से चलती है. सपा वोट लेने के लिए मुस्लिम समाज की सबसे बड़ी हितैषी बनती है, लेकिन जब उन पर संकट आता है तो आरएसएस के कहने पर यह अलग खड़े हो जाते हैं. मुस्लिम समाज ने पूरी ताकत से इनको वोट देकर देख लिया.


जनता के साथ खिलवाड़ कर रही बीजेपी- विश्वनाथ पाल
आरक्षण के मामले पर बीजेपी को घेरते हुए विश्वनाथ पाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह इस देश प्रदेश की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है. जनता का मजाक बना दिया है. बीजेपी की तैयारी नहीं थी इसलिए बीजेपी ने निकाय चुनाव को लेकर सब नाटक किया है. अगर यह इमानदारी से पिछड़ों, अतिपिछड़ों, एससी-एसटी का आरक्षण लागू कर दिए होते तो किसी को कोर्ट नहीं जाना पड़ता. अगर कोर्ट न जाना पड़ता तो यह नाटक ना करना पड़ता कि हम आपके हितैषी हैं, इसलिए कमेटी बना रहे. अब तो कमेटी ने बता दिया कि गड़बड़ी की गई थी, इसके बाद भी सरकार को शर्म नहीं लग रही. 69,000 पदों की जो शिक्षक भर्ती हुई उसमें तमाम लोग चिल्लाते रहे कि आरक्षण से खिलवाड़ हुआ है. उसमें भी अब कोर्ट ने कहा है कि शिक्षक भर्ती में भी गड़बड़ी की गई है. यह हर जगह गड़बड़ी कर रहे हैं चाहे चुनाव हो या भर्ती. यह कहते हैं कि माफिया ने सरेंडर कर दिया, प्रदेश छोड़कर भाग गया. अगर माफिया साइलेंट हो गए होते तो यह दिनदहाड़े हत्या क्यों हो रही होती.


मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण का पाठ कराने के निर्देश पर विश्वनाथ पाल ने कहा कि इनके निर्देश से कोई पूजा पाठ नहीं करेगा. यह तो धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए नाटक करते रहते हैं. यह भारत देश विभिन्न धर्मों का देश है. संविधान में सभी धर्मों के लिए जगह है. जब जो त्यौहार आता है जिस धर्म के मानने वाले लोग होते हैं मनाते हैं. धर्म आस्था और विश्वास की चीज है. जिसका जहां आस्था और विश्वास होगा वह नवरात्रि में व्रत भी रखेगा, चालीसा भी पढ़ेगा. उसमें इनके कहने से कुछ नहीं होगा, हमें इस पर बात नहीं करनी चाहिए.


सपा गठबंधन में कितनी एकता, अलग संकेत दे रहे हैं जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के बयान, क्या होगी बीजेपी की चुनौती?