UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए बीते कुछ दिनों के राजनीतिक घटना क्रम टेंशन बढ़ाने वाले नजर आ रहे हैं. इस तरह की चर्चाओं के पीछे काफी तर्क भी दिए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इसकी एक बड़ी वजह बीएसपी (BSP) और मायावती (Mayawati) के नए प्लान को बताया जा रहा है.
दरअसल, पश्चिमी यूपी से बीते दिनों बसपा के लिए अच्छी खबरें आई. इस इलाके के सपा नेता इमरान मसूद ने तब बसपा का दामना थाम लिया था. इसके पहले उन्होंने मायावती से मुलाकात की. वहीं बसपा में शामिल होने के बाद मुस्लिम वोट बैंक पर दाव लगाते हुए इमरान मसूद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पार्टी ने संयोजक नियुक्त कर दिया. माना जाता है कि मुस्लिम समुदाय पर इमरान मसूद की पकड़ है.
इस दांव से मुश्किल में सपा
अभी राजनीतिक घटना क्रम के नौ दिन ही बीते थे कि बसपा ने एक बार फिर सपा को झटका दिया. अब रविवार को इमरान मसूद के बाद एक और मुस्लिम नेता ने बसपा का दामना थाम लिया. दरअसल, इस बार नजर पश्चिमी के बदले पूर्वी इलाके यानी पूर्वांचल से खबर आई. यहां एआईएमआईएम के पूर्वांचल के अध्यक्ष इरफान मलिक ने बीएसपी जॉइन कर ली.
उन्होंने बीएसपी में शामिल होने से पहले मायावती से मुलाकात की. इरफान मलिक डुमरियागंज से छह बार विधायक और मंत्री रहे स्वर्गीय कमाल मलिक के बेटे हैं. इनके आने से एक बार फिर वहीं पुरानी चर्चा शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि मुस्लिम नेताओं का अब झुकाव बसपा के ओर हो रहा है. जिसकी वजह से बीते दिनों में दो नेताओं ने बसपा का दामन थामा है.
वहीं कुछ लोग इसे सपा के लिए बढ़ती मुश्किलों और चुनौतियों के रूप में भी देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि मुस्लिम नेताओं के बीएसपी का रूख करने की वजह से अब सपा के खेमे में टेंशन बढ़ गई है. इसी वजह से अखिलेश यादव भी आजम खान के मुद्दे पर पहले से ज्यादा मुखर नजर आ रहे हैं.