UP News: कांशीराम द्वारा बनाई गई बीएसपी भी अब परिवारवाद के रास्ते पर है. मायावती द्वारा भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने के बाद सवाल उठने लगे हैं. हालांकि आकाश आनंद को जिम्मेदारी ऐसे वक्त में मिली है जब पार्टी अपने सबसे बुरे दौर में है. बीते 20 सालों के दौरान 9 चुनावों में पार्टी का वोट शेयर घटकर से भी काफी कम हो गया है. 


दरअसल, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को कुल 98 सीटों पर जीत मिली थी, पार्टी को इस चुनाव में 23.06 फीसदी वोट मिले. इसके बाद अगले तीन चुनावों के दौरान बीएसपी का वोट शेयर बढ़ता गया. 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी 24.67 फीसदी वोट मिले और पार्टी ने 19 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बाद 2007 के चुनाव में बीएसपी ने राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी.


2007 के बाद हर साल कम होता गया वोट शेयर
इस चुनाव में बीएसपी को अपने इतिहास में सबसे ज्यादा वोट मिले थे. 2007 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 30.43 फीसदी लोगों ने वोट किया था, तब पार्टी ने 206 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि इस चुनाव के बाद हर बार बीएसपी को वोट शेयर कम होता गया है. 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को करीब 27.42 फीसदी वोट मिले और 20 सीटों पर जीत मिली थी. 


साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को चुनाव 25.91 फीसदी वोट मिले थे और केवल 80 सीटों पर जीत मिली. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी खराब हालत में पहुंच गई, 19.77 फीसदी वोट तो मिला लेकिन एक भी सीट नहीं मिली. 2017 के विधानसभा चुनाव में 22.23 फीसदी वोट शेयर के साथ 19 सीट पार्टी को मिली. 


2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी ने सपा से गठबंधन किया तो कुछ सुधार हुआ. पार्टी का वोटर शेयर बढ़कर 22.43 फीसदी हो गया और 10 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन इसके बाद बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी की हालत काफी खराब हो गई और केवल एक सीट पर जीत मिली. इस चुनाव में बीएसपी को केवल 12.83 फीसदी वोट मिले थे.