लखनऊ, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल के नतीजों में एक बार फिर मोद सरकार बनने की बात कही गयी थी। गुरुवार को आये असल नतीजों के रुझानों ने एग्जिट पोल पर अपनी मुहर लगा दी। भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुये तकरीबन हर राज्य में विपक्ष के हौसले पस्त कर दिये। यही नहीं 2014 के मुकाबले एनडीए और उनके सहयोगी दल प्रचंड बहुमत की तरफ बढ़ रहे हैं। देश की सियासत में उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम रही है। 80 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में भाजपा को रोकने के लिए विरोधी दल लामबंद हुये। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन बनाया। लेकिन मोदी के जादू के आगे यह गठबंधन कोई करिश्मा नहीं कर पाया।


बुआ-बबुआ की जोड़ी रही बेअसर


रुझानों की बात करें तो सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले यूपी में भाजपा 59 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं गठबंधन 20 सीटों पर बढ़त बनाये हुये हैं। कांग्रेस की स्थिति और दयनीय है, वह एक सीट पर आगे है। कांग्रेस की नींद उड़ानेवाली खबर अमेठी से आ सकती है। राहुल गांधी इस सीट से पीछे चल रहे हैं। पूरे हालात का आंकलन किया जाये तो गठबंधन भाजपा को किसी भी तरह की चुनौती नहीं दे पाया। यह बात अलग है कि 2014 में 71 सीटें जीतनेवाली भाजपा कुछ पहले ही रुक जाये। लेकिन ये नुकसान उतना नहीं है जितना कि एग्जिट पोल दिखा रहे हैं।



दलित, मुस्लिम और यादव वोट की अंकगणित का हिसाब लगाकर उतरे सपा-बसपा ने सियासी पंडितों की थ्योरी को दरकिनार किया। बुआ-बबुआ की इस जोड़ी ने खूब सुर्खियां बटोरी। 25 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर इन दलों ने गलबहियां की। सूबे के हर हिस्से में एक साथ रैलियां कीं।



यही नहीं मैंनपुरी में एक मंच से मुलायम सिंह यादव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने वोट तक मांगा। लेकिन राजनीति में सभी समीकरणों को खत्म करते हुये मोदी की सुनामी से विपक्ष हैरान रह गया है। यूपी में स्टार प्रचारक राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं और हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे बने।



गठबंधन पर योगी ने साधा था निशाना


यूपी के इस गठबंधन को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी चुनाव के दौरान निशाना साधा। सीएम योगी ने कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन 23 मई तक भी नहीं टिकने वाला है। 23 मई से पहले ही इनके कार्यकर्ता एक-दूसरे से ही लड़ने और भिड़ने लगेंगे।


योगी आदित्यनाथ ने अग्रेंजी अखबार इंटरव्यू में कहा कि उत्तर प्रदेश का गठबंधन लोकसभा चुनाव के नतीजे यानी 23 मई से पहले ही खत्म हो और जाएगा। सपा-बसपा के काडर एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाएंगे। इंतजार कीजिए और देखते रहिए कैसे बुआ (मायावती) और बबुआ (अखिलेश) एक-दूसरे पर हमला करेंगे। मुझे तो लगता है कि मुझे अपने कानून प्रशासन को इस बात का निर्देश देना पड़ेगा कि इनको नियंत्रित करें और खून खराबा रोकें।