नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में एक फरवरी को बजट पेश करेगी। अलग-अलग क्षेत्रों में विकास और आर्थिक आवश्यकता के लिये एक निश्चित धनराशि दी जाती है, बजट में उसका प्रावधान होता है। बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं। आम आदमी को टैक्स में कटौती की चाहत होती है, देखना ये है कि सरकार किस तरह के उपायों का एलान करती है। वहीं कंपनियां निवेश को लेकर उठाए जाने वालों कदमों का आंकती हैं। बजट से सरकार की नीति भी पता चलती है।


कलडोर बजट


तत्कालीन वित्त मंत्री टी टी कृष्णामाचारी ने वित्त वर्ष 1957-58 का यह बजट पेश किया था। इस बजट को 15 मई, 1957 को पेश किया गया गया था। यह कई लिहाज से बहुत अहम था। वित्त वर्ष 1957-58 के बजट में कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों का सकारात्मक और नकारात्मक असर बाद में देखने को मिला। इस बजट में नॉन कोर प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटन को वापस लेने का ऐलान किया गया था। इसमें वेल्थ टैक्स लगाया गया था तथा एक्साइज ड्यूटी में 400 फीसदी की जबरदस्त वृद्धि की गई थी।


द ब्लैक बजट


वित्त वर्ष 1973-74 का बजट तात्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चह्वाण ने पेश किया था। चव्हाण द्वारा पेश बजट में साधारण बीमा कंपनियों, भारतीय कॉपर कॉरपोरेशन और कोल माइन्स के राष्ट्रीयकरण के लिए फंड आवंटित किए गए। इस मद में बजट में 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इस वित्त वर्ष में बजट में अनुमानित घाटा 550 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, कोयले की खदानों के राष्ट्रीयकरण का जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला एवं सरकार ने कोयले के कारोबार को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया। इसीलिए इसे 'ब्लैक बजट' कहते हैं।


उदारीकरण का सूत्रपात


कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त वर्ष 1991-92 का केंद्रीय बजट पेश किया था। भारत में जब भी बजट के इतिहास को लेकर चर्चा होगी, इस बजट का जिक्र जरूर होगा। इस बजट में मनमोहन सिंह ने देश की इकोनॉमी को दुनिया के लिए खोल दिया। इस बजट में एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट, लाइसेंसिंग नीति में तमाम सुधारों की घोषणा की गई।


ड्रीम बजट


तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त वर्ष 1997-98 का बजट पेश किया था। इस बजट को ड्रीम बजट कहा जाता है। इस केंद्रीय बजट में आयकर एवं कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती की गई थी। इसके अलावा भी कई तरह के ऐसे कदम उठाए गए थे जिसकी वजह से ड्रीम बजट कहा जाता है।