UP News: बुलंदशहर (Bulandshahr) में मंगलवार को पंजीकृत और गैर-पंजीकृत मदरसों का सर्वे (Madrasa) शुरू हुआ. एसडीएम सदर की अगुवाई में सर्वे टीम बुलंदशहर के ताजपुर स्थित मदरसा इस्लामिया अरबिया में पहुंची और इंतजामिया कमेटी के लोगों से एक-एक कर 12 सवाल पूछे गए. टीम के लोगों के हर सवाल का जवाब दिया. जांच में सामने आया कि मदरसे में हरियाणा और यूपी के 95 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. मदरसा का पंजीयन नहीं हुआ है और सर्वे टीम को बताया कि पंजीयण के लिए मदरसा बोर्ड में आवेदन किया हुआ है.


मदरसे की व्यवस्था से संतुष्ट नजर आई टीम


मदरसा को फंडिंग कहां से मिलती है? इस सवाल पर इंतजामिया कमेटी के लोगों ने जानकारी की दी कि समाज के आपसी सहयोग से मदरसे का खर्च चलता है. राजस्व टीम ने मदरसे में अध्ययन कक्ष, वजू खाना और शौचालयों का भी निरीक्षण किया. सर्वे टीम मदरसा के इंतजाम से संतुष्ट नजर आई. वहीं पूरे मामले पर जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि शासन ने मदरसों के सर्वे का निर्देश नहीं दिया है. शासन ने जो निर्देश दिया है, उसमें जो रजिस्टर्ड मदरसे हैं पहले से ही उनका सर्वे होता रहता है. 



 

हर  साल होता है स्कूलों का सत्यापन

 

जिलाधिकारी ने बताया कि कुछ मदरसे ऐसे भी चल रहे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया है या फिर रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं है. उनका सर्वे कराया जा रहा है.  हर बच्चे को शिक्ष का अधिकार है और इस सर्वे का उद्देश्य यह पता करना है कि बच्चों को पढ़ाई की सुविधा मिल पा रही है या नहीं, इसका डेटाबेस तैयार करने के लिए एसडीएम , बीएसए, और अल्पसंख्यक विभाग की टीम लगी हुई है. गैर-मान्यता प्राप्त मदरसा, या जिनका पंजीकरण समाप्त हो गया है उनका सर्वे किया जा रहा है,  यह एक प्रक्रिया है जो हर साल होती है और स्कूलों का हर साल सत्यापन भी किया जाता है.