Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिता-पुत्र के रिश्ते को शर्मशार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक बुजुर्ग पिता को उसके पुत्र ने घर से बहार निकाल दिया, जिसके बाद वह अपनी फरियाद लेकर डीएम के पास पहुंचे. पीड़ित पिता ने जिस बेटे को पढ़ा लिखाकर समाज में एक प्रतिष्ठा और पहचान दी, उसी बेटे की डीएम बुलंदशहर सीपी सिंह को दर्द भरी कहानी सुनाते हुए आंखे भर गईं. बुलंदशहर कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में पीड़ित पिता ने डीएम से अपने भरण पोषण की गुहार लगाई. 


दरअसल, ये पूरा मामला बुलंदशहर का है. जहां बुलंदशहर कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में एक पीड़ित पिता बेटे के घर से बाहर निकाल देने भरण पोषण के लिए गुहार लगाने पहुंचे. बुजुर्ग पिता को उनके कलयुगी बेटे ने उन्हीं के घर से बाहर निकाल दिया. मौके मौजूद सभी इस कहानी को सुन कर हैरान रह गए. जिस पिता ने अपने बेटे को रात दिन-मेहनत कर पढ़ाया लिखाया, उसके नाज नखरे उठाए. उसे समाज में अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बनाय, उसी पुत्र ने 88 साल के बूढ़े पिता को घर से बाहर निकाल दिया. पुत्र के इस हरकत से परेशान पिता बेटी के साथ गुरुवार को डीएम कार्यालय पहुंचे.


डीएम की नसीहत पर पुत्र साथ ले जाने पर राजी
कलेक्ट्रेट में पीड़ित पिता की फरियाद सुनकर बुलंदशहर डीएम सीपी सिंह ने ऑफिशियल लैंडलाइन से पुत्र को फोन किया. फोन पर डीएम ने बुजुर्ग पिता के कलयुगी बेटे को एक अच्छा पुत्र होने के कर्तव्य को याद दिलाया. डीएम ने बुजुर्ग के पुत्र को नसीहत देते हुए कहा कि अगर आप अपने पिता का सम्मान नहीं करेंगे, तो आपके भी दो पुत्र हैं. भविष्य में वह भी आपका सम्मान नहीं करेंगे. इसके बाद पुत्र बुजुर्ग पिता के भरण पोषण के लिए राजी हो गया.


पिता-पुत्र को लेकर डीएम ने क्या कहा?
मामले की जानकारी देते हुए डीएम सीपी सिंह ने बताया कि आज जनता दर्शन के दौरान एक 88 साल के बुजुर्ग हमारे पास आए थे. उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने उनको घर से निकाल दिया है. मेरे भरण पोषण की व्यवस्था की जाए. बुजुर्ग ने बताया कि उनका बेटा किसी नवरत्न कंपनी में बड़े पद पर कार्यरत है, जिसके बाद मैंने उनसे उनके बेटे का मोबाइल नंबर लेकर बात की. बातचीत में पता चला कि पुत्र प्रथा में किसी बात को लेकर कम्युनिकेशन गैप है, दोनों की बातचीत कराई गई है. जिसके बाद बेटे द्वारा आश्वासन दिया गया कि वह अपने पिता को साथ लेकर जाएंगे.


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