UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) में होने वाली मौतों से चिंतित राज्य सरकार अलग-अलग अभियान चला रही है. इसी के तहत राज्य के बुलंदशहर (Bulandshahr) की पुलिस ने स्पीड ब्रेकर, डाइवर्जन, रिफ्लेक्टर, डिवाइडर के साथ दृष्टि दोष को लेकर भी अभियान शुरू किया है. पुलिस ने ट्रक चालकों के आखों का टेस्ट करवाया. शिविर में 500 ट्रक चालकों ने आंखों की जांच कराई. इनमें से 450 चालकों की नज़र कमजोर निकली जिन्हें चश्मा दिया गया.
सभी चालकों की आंखों की जांच दिल्ली स्थित एक एनजीओ की मदद से कराई गई. यह जांच निशुल्क थी. एनजीओ द्वारा जिन भी ट्रक चालकों की आंखें कमजोर पाई गईं उन्हें मुफ्त में चश्मा भी दिया गया.
ट्रक चालकों से जांच कराने का किया अनुरोध
इस अभिनव पहल पर एएसपी शशांक सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि ट्रैफिक नियमों का पालन करने के साथ ही नजरें दुरुस्त कर ड्राइविंग की जाए तो दुर्घटनाओं में कमी आएगी. नजर कमजोर होना भी दुर्घटना का एक कारण हो सकता है. इसलिए हमने दिल्ली के एक एनजीओ से संपर्क कर निशुल्क शिविर लगावाया. यहां ट्रक चालकों की आंखों की जांच करवाई गई.
शशांक सिंह ने कहा कि हमने ट्रक चालकों से अनुरोध किया कि वे अपनी आंखों की जांच कराएं. इसके बाद 500 ट्रक चालकों ने जांच कराई जिनमें 450 की नजरें कमजोर पाई गईं. उन्होंने बताया कि चालकों को एनजीओ द्वारा फ्री में चश्मे भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस पहल से भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. बुलंदशहर पुलिस का यह प्रयोग आने वाले समय में पायलट प्रोजेक्ट की तरह इस्तेमाल किया जाएगा.
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