Bulandshahr: 6 बच्चों के बेहोश होने के बाद जागा प्रशासन, स्कूल की छत पर लगा 'डस्ट सैम्पलर', जानें- क्या होगा इसका काम
Bulandshahr News: यूपीपीसीबी के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी गीतेश चंद्रा ने बताया कि हमने वातावरण में कौन-कौन सी गैस मौजूद है, इसका पता लगाने के लिए स्कूल की छत पर ये खास मशीन डस्ट सैम्पलर लगाई है.
Bulandshahr News: यूपी (UP) के बुलंदशहर (Bulandshahr) में शुक्रवार को 6 बच्चे अचानक बेहोश हो गए. मामला सिकंदराबाद (Sikandrabad) के औद्योगिक क्षेत्र के गोपालपुर (Gopalpur) में स्थित संविलियन विद्यालय का है. बच्चों के बेहोश होने के बाद घटना की गंभीर को देखते हुए जिला अधिकारी सीपी सिंह (C P Singh) ने प्रदूषण विभाग को पानी और वायु के सैंपल की जांच के आदेश दिए थे.
अब प्रदूषण विभाग ने विद्यालय की छत पर वायु प्रदूषण नापने वाली मशीन लगाई है, जिससे पता चल पाएगा कि आखिर बच्चे क्या किसी जहरीली गैस के कारण बेहोश हुए थे?
वहीं इस मशीन के माध्यम से यह भी पता चलेगा कि यहां वायु प्रदूषण की मात्रा क्या है? सभी पहलुओं पर प्रदूषण विभाग जांच कर रहा है. ऐसे में आने वाले समय में पता चल पाएगा कि औद्योगिक क्षेत्र की वायु कितनी प्रदूषित है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदूषण के कारण उनको आते-जाते समय भी उल्टी हो जाती है और सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. हालांकि, जिलाधिकारी सीपी सिंह किसी जहरीली गैस के कारण बच्चों के बेहोश होने से इंकार कर रहे हैं और उनका कहना है कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एडीएम को सौंपी गई जांच
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच एडीएम को सौंप दी गई है. लेकिन ऐसे में एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि अगर बुलंदशहर प्रदूषण विभाग लगातार समय-समय पर औद्योगिक क्षेत्र सिकंदराबाद में पीने वाले पानी जांच की होती, तो यहां पर स्थानीय लोग प्रदूषण होने की शिकायत नहीं करते. अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आखिर प्रदूषण विभाग की ओर से की जा रही वायु प्रदूषण की जांच में निकल कर सामने क्या आता है?
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पानी सप्लाई के लिए गए हैं सैंपल
यूपीपीसीबी के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी गीतेश चंद्रा ने बताया कि हमने वातावरण में कौन-कौन सी गैस मौजूद हैं, इसका पता लगाने के लिए स्कूल की छत पर ये खास मशीन डस्ट सैम्पलर लगाई है, जो हवा में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का कितना स्तर है, वो बताएगी. साथ ही हमने स्कूल के बगल में जो गंदा पानी जमा है, उसको देखते हुए स्कूल में पानी सप्लाई के सैंपल भी लिए गए हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि ह्यूमिडिटी की वजह से बच्चे बेहोश हो गए थे, क्योंकि यहां क्लासरूम में वेंटिलेशन सही नहीं है.
आस-पास नहीं आया है कोई ऐसा केस
उन्होंने कहा कि स्कूल के आस-पास की फैक्ट्री की भी जांच कर रहे हैं और कोई अवैध फैक्ट्री मिलती है तो जांच होगी. यहां सीमेंट, यीस्ट, कीटनाशक दवाओं और टायर की फैक्ट्री है. हम उनकी जांच कर रहे हैं कि कोई ऐसा समान तो नहीं बन रहा, जिसकी इजाजत न हो. ये सिर्फ इसी स्कूल में घटना देखने को मिली है, बाकी कहीं आस-पास कोई केस नहीं आया है.