Bulandshahr News: बुलंदशहर में दिखी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, लाउडस्पीकर को लेकर धर्मगुरुओं ने उठाया ये कदम
Bulandshahr: यूपी में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के बीच बुलंदशहर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर आप भी कह उठेंगे अरे वाह...
Bulandshahr Latest News: यूपी के बुलंदशहर में सांप्रदायिक सौहार्द की एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली जिसे देखकर सब कह उठे अरे वाह... दरअसल गुरुवार को मुस्लिम धर्मगुरु धार्मिक स्थलों से लगभग दो दर्जन लाउडस्पीकर उतारकर कलेक्ट्रेट लाये और लाउडस्पीकर को डीएम और एसएसपी के सुपुर्द कर दिया. धर्मगुरुओं ने डीएम और एसएसपी से यह आग्रह किया कि इन लाउडस्पीकर्स को उन संसाधन विहीन विद्यालय को गिफ्ट किया जाए, जहां पर लाउडस्पीकर नहीं है या स्कूल किराए पर लाउडस्पीकर लेकर प्रार्थना आदि कराते हैं, उन्हें दी जाए.
विद्यालयों को सौंपे गये लाउडस्पीकर
डीएम और एसएसपी ने धर्म गुरुओं के आग्रह को स्वीकार करते हुए धर्म गुरुओं द्वारा सौंपे गए लाउडस्पीकर्स को ऐसे संसाधन विहीन विद्यालयों के शिक्षक में प्रधानाचार्य को सौंपा, जहां पर लाउडस्पीकर का अभाव था. बाकायदा डीएम ने धर्मगुरुओं के साथ ऐसे स्कूल प्रबंधकों को भी कलेक्ट्रेट बुलाया, जिनको लाउडस्पीकर की सख्त जरूरत थी.
वहीं जिलाधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि सर्वोच्च उच्च न्यायालय ने किस जगह पर कितने डेसीबल की आवाज होनी चाहिए निर्धारित किए हैं, देखने में आ रहा था कि धार्मिक स्थलों पर बिना किसी पैमाने के लाउडस्पीकर लगा रखे थे और बिना अनुमति के ही लगे हुए हैं. एक मुहिम चली और हमने धर्म गुरुओं के साथ बैठक की.
लाउडस्पीकर पर जिलाधिकारी सीपी सिंह ने कही बड़ी बात
सबने अतिरिक्त लाउडस्पीकर को उतरवा कर जिला प्रशासन को सौंपी हैं क्योंकि जितने विद्यालय हैं, गवर्नमेंट, इंटर कॉलेज हो या गर्ल्स इंटर कॉलेज हो मुस्लिम इंटर कॉलेज हो सभी में प्रार्थना के समय या डिबेट के समय लाउडस्पीकर किराये पर लिये जाते थे. अब इन लोगों ने स्वेच्छा से उन विद्यालयों को यह लाउडस्पीकर सौंपे हैं और इससे बड़ी भाईचारे की कोई मिसाल नहीं हो सकती है. हमारे यहां जो धर्मगुरु हैं समाज के प्रबुद्ध लोग हैं उन्होंने आगे आकर के इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
जिलाधिकारी सीपी सिंह ने अपील की कि आगे भी उनके पास ऐसा कोई भी संसाधन है जो उनके उपयोग में नहीं आ रहा है वह हम लोगों को आगे आकर के स्वेच्छा से दे हम उसका समुचित उपयोग करेंगे. विद्यालय इसके लिए सबसे उचित उपयोग हो सकता है क्योंकि विद्यालय में जो बच्चे हैं वो हमारे भविष्य हैं उसकी पूरी रूप रेखा वहीं से तैयार होती है. हम जितना अच्छे छात्र तैयार करेंगे जितना संस्कारी छात्र तैयार करेंगे उससे हमारे देश की नींव मजबूत होगी.
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