बुलंदशहर, एबीपी गंगा। बुलंदशहर के स्याना में तीन दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में हाईकोर्ट ने जीतू फौजी समेत सात आरोपियों को जमानत दे दी है। उनको राजद्रोह की धारा 124-ए के तहत जमानत मिली है। इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या, बलवा, आगजनी आदि के मामले में जीतू फौजी समेत सात आरोपियों की जमानत पहले ही बुलंदशहर कोर्ट ने मंजूर कर चुकी थी, लेकिन योगी सरकार द्वारा राजद्रोह की धारा 124 (ए) का संज्ञान लेने के बाद जमानत नहीं दी गयी थी। अब देशद्रोह की धारा में जमानत मिलने के बाद इन सात आरोपियों के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के स्याना कोतवली की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर जमकर पथराव और तोड़फोड़ की गई थी। इतना ही नहीं, इस बवाल के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की भी हत्या कर दी गई थी। ये बवाल स्याना में गौकशी की वारदात के बाद भड़की हिंसा के दौरान हुआ था। बवालियों ने चिंगरावठी पुलिस चौकी फूंक दी थी, हालात ऐसे थे कि पुलिसकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। इस बवाल के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि स्याना हिंसा में 27 नामजद और 50-60 अज्ञात बवालियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले के अभी भी भाजयुमो, बजरंगदल के कार्यकर्ता सहित कुल 44 आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है। अब हाइकोर्ट ने स्याना हिंसा के आरोपी जीतू फौजी, हेमू, सौरभ, रोहित, कलवा, छोटू, सचिन को राजद्रोह की धारा 124-ए में जमानत दे दी है। आरोपियो के अधिवक्ता की मानें, तो जल्द ही सातों आरोपी जेल से बाहर होंगे।
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