UP News: चित्रकूट में चला बुलडोजर, जर्जर इमारत से अवैध कब्जा हटाया, पुलिस थाना भी हो रहा था संचालित
Chitrakoot News: चित्रकूट के सदर एसडीएम राजबहादुर का कहना है कि इमारत को खाली कराने के लिए पूर्व में कई बार नोटिस दिया गया था. इसके बाद रविवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई.
UP Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट (Chitrakoot) में पिछले कई सालों से जर्जर इमारत की जमीन पर अवैध रूप से रह रहे लगभग 35 घरों पर प्रशासन का बुलडोजर चला है. प्रशासन ने कड़े विरोध के बाद अवैध कब्जा से इस इमारत को मुक्त करा लिया है. मामला शहर मुख्यालय के पुरानी बाजार स्थित जर्जर अवस्था में खड़ी इमारत, जिसको लोग राजा विनायक राव पेशवा की ओर से बनवाए जाने की बात करते हैं, इसमें पूर्व में शहर कोतवाली संचालित हुआ करती थी.
मौजूदा समय में इसी इमारत में महिला थाना संचालित हो रहा है. साथ ही पूरे कैंपस में तकरीबन 35 घर बने हुए हैं जो अवैध रूप से लोग कब्जा करके रह रहे थे. इस पर रविवार को जिला प्रशासन ने नोटिस की समय अवधि पूरी होने के बाद अवैध निर्माण कर रह रहे लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाकर गिरा दिया है.
महिला थाने को भी कराया गया खाली
एसडीएम सदर राजबहादुर का कहना है कि इस इमारत को खाली कराने के लिए पूर्व में कई बार नोटिस दिया गया था. इसके बाद रविवार को इस कैंपस में बने हुए अवैध निर्माण पर नोटिस के 6 महीने बीत जाने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है. इतना ही नहीं जिला प्रशासन ने संचालित हो रहे महिला थाने को भी यहां से खाली करवा दिया है और उसे कालूपुर में ट्रांसफर किया गया है.
पूरे कैंपस को अपने कब्जे में लेगा प्रशासन
महिला थाना प्रभारी ने पुलिस लाइन से सरकारी वाहन बुलाकर पूरे थाने को खाली कर माल खाने और सभी जरूरी कागजातों को कालूपुर स्थित बिल्डिंग पर भेजा है, जहां पर अब महिला थाना संचालित होगा. वहीं इस महिला थाने को आने वाले वक्त में गिरा कर प्रशासन पूरे कैंपस को अपने कब्जे में ले लेगा.
लोगों ने प्रशासन पर लगाया ये आरोप
कैंपस में रह रहे लोगों ने प्रशासन पर जबरन आवास को खाली कराने और गिराने की कार्रवाई का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि हमें किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया और न ही खाली करने का समय दिया गया. प्रशासन खुलेआम गुंडई कर रहा है और वह इस जमीन को नगरपालिका को देना चाहते हैं. निवासियों का कहना है कि प्रशासन इस इमारत को उसकी बता रहा है, जबकि इमारत राजा विनायक राव पेशवा की है तो किसी ने कहा कि यह छोटे चौधरी की है जो बांदा के हैं उनकी ओर से यह जगह रहने के लिए दी गई थी. हमारा बिजली का कनेक्शन है, पानी का कनेक्शन है और प्रशासन हमारे साथ जबरन गुंडई कर रहा है.
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