Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल शूटआउट के नामजद आरोपी पांच लाख रुपये के ईनामी गुड्डू मुस्लिम की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. सरकारी अमला अभी तक ना तो गुड्डू मुस्लिम को पकड़ सका है, ना ही उसके घर और चिकन शॉप पर बुलडोजर चला है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण नोटिस की मियाद भी एक महीने पहले ही खत्म हो चुकी है.


बमबाज गुड्डू मुस्लिम के घर और चिकन शॉप पर महीने भर पहले ही बुलडोजर चल जाना चाहिए था. सवाल यह है कि गुड्डू मुस्लिम का घर और चिकन शॉप कहीं ताबीज की वजह से तो नहीं बचा हुआ है. ताबीज ही तो गुड्डू मुस्लिम की जिंदगी और उसकी संपत्तियों की रक्षा नहीं कर रहा है. दरअसल, प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जब गुड्डू मुस्लिम के घर और चिकन शॉप पर ध्वस्तीकरण का नोटिस तभी चस्पा किया. दोनो ही जगहों पर ताबीज बांध दी गई थी. 


होती है संपत्ति की रक्षा
कुछ दिनों पहले ही रात के अंधेरे में गुपचुप तरीके से ताबीज बांधी गई थी. ताबीज में कुरान शरीफ की आयत आयतल कुर्सी लिखी हुई है. मान्यता है कि कुरान पाक की यह आयत पढ़ने और लिखने से व्यक्ति और उसकी संपत्ति की रक्षा होती है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या ताबीज की वजह से गुड्डू मुस्लिम और उसके मकान वा चिकन शॉप की रक्षा हो रही है? क्या यह ताबीज ही गुड्डू मुस्लिम की जिंदगी और उसकी संपत्तियों के लिए रक्षा कवच बना हुआ है?


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क्या ताबीज की वजह से ही तीनों सलामत है? घर और चिकन शॉप दोनों ही जगहों पर नोटिस के ठीक नजदीक चश्मा दिया. शहर के चकिया इलाके में अतीक अहमद के दफ्तर और घर के बीच में गुड्डू मुस्लिम का घर और चिकन शॉप है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने दोनों को अवैध निर्माण बताकर मार्च महीने में ही नोटिस चस्पा किया था और जवाब देने को कहा था. 


कोई जवाब नहीं दिए जाने पर दूसरा नोटिस चस्पा किया गया था और इसमें कहा गया था कि 18 अप्रैल तक दोनों निर्माण यानी घर और चिकन शॉप को खुद ही गिराना होगा. नोटिस में साफ तौर पर लिखा हुआ था कि अगर 18 अप्रैल तक दोनों निर्माण खुद नहीं तोड़े गए तो विकास प्राधिकरण बुल्डोजरों के जरिए इन्हें ध्वस्त कर देगा और उसका शुल्क भी वसूलेगा.19 अप्रैल को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होनी थी. 


इस वजह से रोकी गई कार्रवाई
लेकिन अभी तक ना तो गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी हो सकी है और ना ही उसके ठिकानों पर बुलडोजर चला है. सरकारी अमले की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. सवाल ये उठता है कि आखिरकार सरकारी अमला गुड्डू मुस्लिम पर मेहरबान क्यों है. विकास प्राधिकरण की तरफ से पहले यह कहा गया था कि नगर निकाय चुनाव की वजह से कार्रवाई रोकी गई है.


निकाय चुनाव की वोटिंग और काउंटिंग खत्म हुए भी कई दिन बीत चुके हैं. अभी तक बुलडोजर ना चलने पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. वैसे गिरफ्तारी न होने और घर वा दुकान पर बुलडोजर नहीं चलने से सरकारी अमले की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी कब होगी? उसके घर और दुकान पर बुलडोजर कब चलेगा.