बुंदेलखंड: इस वजह से 157 स्टोन क्रशर कारखाने सील, 13 करोड़ का लगाया गया जुर्माना
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 157 क्रशर कारखानों को सील कर दिया है. क्रशर कारखाने में वृक्षारोपण करना प्रमुख शर्त है, जबकि क्रशर मालिकों ने इन नियमों का उल्लंघन किया है.
बांदा: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बुंदेलखंड क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई की है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बुंदेलखंड के चार जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर में संचालित स्टोन क्रशर कारखानों में से 157 को सील कर दिया है और उन पर 13 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.
कारण बताओ नोटिस जारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बांदा स्थित कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी घनश्याम दत्त ने बुधवार को बताया कि क्रशर नियमों का उल्लंघन करने पर दो माह के अंदर चित्रकूट धाम मंडल बांदा के चार जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर में संचालित 393 में से 157 स्टोन क्रशर कारखाने सील कर उन पर 13 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर 71 क्रशर मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
लगाया गया जुर्माना दत्त ने कहा कि, "बांदा जिले में संचालित कुल 30 क्रशर कारखानों में से 13 को सील कर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. चित्रकूट में 75 में से 58 क्रशर सीलकर पांच करोड़ रुपए, महोबा में 283 में से 81 क्रशर सीलकर पांच करोड़ रुपए और हमीरपुर जिले की सभी पांच क्रशर कारखाने सीलकर उन पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
नियमों का किया गया उल्लंघन घनश्याम दत्त ने बताया कि कोई भी क्रशर कारखाना बस्ती से करीब एक किलोमीटर और राष्ट्रीय राजमार्ग से पांच सौ मीटर दूर होना चाहिए. साथ ही कारखाने में प्रतिदिन फव्वारे से पानी का छिड़काव किया जाना जरूरी है. क्रशर कारखाने में वृक्षारोपण करना प्रमुख शर्त है, जबकि क्रशर मालिकों ने इन नियमों का उल्लंघन किया है.
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