Banda News: भीषण गर्मी के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में इस समय पारे का कहर चरम पर है. आसमान से बरसती आग के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बुंदेलखंड में बीते कई दिनों से बांदा का तापमान सबसे ज्यादा 47 डिग्री के आस-पास चल रहा है. पारे के कहर से लोग इस समय घरों पर दुबक कर बैठे है और बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलते हैं. 


बांदा में 47 डिग्री के पार पहुंचा पारा
बुंदेलखंड में इन दिनों आसमान से आग बरस रही है. अप्रैल के महीने में ही बांदा का तापमान 47 डिग्री के पार चुका है. वैसे तो अप्रैल महीने के बाद ही पारा 45 के ऊपर पहुंचता था लेकिन इस बार अभी से ही भीषण गर्मी की शुरुआत हो गई है. इस समय जबर्दस्त लू के थपेड़ों और आसमान से बरसती आग असहनीय हो गई है. हालत ये है कि लगातार बढ़ रहे पारे के कहर से सड़कों पर सन्नाटा है. बहुत मजबूरी होने पर ही लोग घरों से निकलते हैं और अगर निकलना जरुरी हुआ तो लोग सिर पर कपड़ा बांधकर निकलते हैं. लोगों का कहना है कि अगर अप्रैल में ये हाल है तो मई और जून में क्या होगा? बीते साल भी बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा पारा बांदा जनपद का ही था.


डीएम ने लोगों से ये अपील
बुंदेलखंड में लगातार बढ़ रहे पारे के कहर से निपटने के लिए प्रशासन भी चौकन्ना है. बांदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि बुंदेलखंड का सबसे गर्म क्षेत्र है, पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्मी बांदा में ही पड़ती है. इधर कई दिनों से बांदा का तापमान 46 डिग्री के आसपास चल रहा है. प्रशासन द्वारा बढ़ती गर्मी को देखते हुए काम करने वाले लोगों से ये अपील की जा रही है कि वे सुबह जल्दी काम की शुरुआत करें और 10 बजे के बाद काम बंद करके फिर दूसरी मीटिंग में शाम को काम करें.


सुबह-शाम काम करने की सलाह


जिलाधिकारी ने बताया कि मनरेगा मजदूरों को भी सुबह शाम काम करने की सलाह दी जा रही है ताकि इस भीषण गर्मी से उनका बचाव हो सके. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से पानी बचाने की भी अपील की है क्योंकि बांदा में खासकर गर्मी के समय में पानी का संकट गहरा जाता है. उनकी मानें तो इस बार बांधों में भी पानी नहीं है. इसलिए वो लोगों से अपील कर रहे हैं कि पानी का दुरुपयोग ना करें, जितना जरूरी हो उतना ही पानी खर्च करें.