Bundelkhand: खुद को जिंदा साबित करने का संघर्ष और पेंशन की उम्मीद, कब दिल पसीजेगा सरकारी बाबुओं का?
Mahoba News: बुंदेलखंड के महोबा में पूर्व सचिव ने 6 बुजुर्गों को कागजों में मृत दिखा दिया था. जिसके बाद उन्हें पेंशन नहीं मिल रही थी. अब गले में "साहब मैं जिंदा हूं" की तख्ती डालकर डीएम ऑफिस पहुंचे.
Bundelkhand News: बुंदेलखंड के महोबा में सरकारी मशीनरी की गड़बड़ी के चलते 6 बुजुर्गों को कागजों में मृत दिखा दिया गया जिससे उन्हें पिछले डेढ़ सालों से वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही. ऐसे में पीड़ित बुजुर्गों ने गले में "साहब मैं जिंदा हूं" लिखकर तख्ती डाल डीएम की चौखट पर पहुंच न्याय की गुहार लगाई. पीड़ित बुजुर्गों ने पूर्व सचिव पर रिश्वत न देने पर सरकारी कागजों में उन्हें मृत दर्शा दिया था जिससे उन्हें मिलने वाली वृद्धा पेंशन रुक गई. आर्थिक तंगी और गरीबी से परेशान सभी वृद्धजनों ने डीएम से मामले की शिकायत की है.
क्या है पूरा मामला?
महोबा में सरकारी मशीनरी की गड़बड़ी के चलते गले में "साहब मैं जिंदा हूं" कि तख्ती लटकाए घूम रहे सभी बुजुर्ग अपने जिंदा होने की खुद गवाही देने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी कागजों में इन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. जिससे सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन रोक दी गई. जब उन्हें पता चला कि उन्हें कागजों में मरा हुआ दिखाया गया है तो सभी हैरत में पड़ गए और मजबूरन अपने जिंदा होने का सबूत देने के लिए सभी अपने गले में "साहब मैं जिंदा हूं" कि तख्ती डाल कर डीएम की चौखट तक पहुंचे.
डीएम ने सीडीओ को सौंपी जांच रिपोर्ट
इस पूरे मामले को जिलाधिकारी मनोज कुमार ने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच सीडीओ को सौंपी है ताकि यह साफ हो सके इस मामले में कोई षड्यंत्र के तहत वृद्धजनों को कागजों में मृत तो नहीं दिखाया या फिर कोई तकनीकी कमी के कारण ऐसा हुआ है. फिलहाल डीएम ने पूरे मामले की जांच के बाद कार्यवाही करने की बात कही है.
रिश्वत न देने पर मरा हुआ दिखा दिया
जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंचे सभी वृद्धजनों ने लिखित प्रार्थना पत्र के साथ-साथ एक हलफनामा भी जिलाधिकारी को सौंपा. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके जिंदा होने के बावजूद भी पूर्व ग्राम विकास अधिकारी ने पेंशन सत्यापन के नाम पर 500 रुपए की रिश्वत न देने पर उन्हें मरा हुआ कागजों में दिखा दिया. जिस कारण उनकी पेंशन आना बंद हो गई और उनकी आर्थिक स्थिति पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. डेढ़ साल से उन्हें वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही. दिए गए हलफनामे में सभी वृद्धों ने जिला अधिकारी से गुहार लगाते हुए यह भी बताया की पूर्व सचिव ने जानबूझकर ऐसा कृत्य किया है जिसका प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा है.बुजुर्ग बताते हैं कि इस लापरवाही से उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
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