उत्तराखंड: चारधामा यात्रा स्थगित होने से रोजगार का संकट, चौपट हुआ करोड़ों का कारोबार
चारधाम यात्रा स्थिगत होने से लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है. लोगों का कहना है कि उनके सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है.
रुद्रप्रयाग. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा स्थगित किये जाने के बाद लगातार दूसरे साल भी बेरोजारी का संकट पैदा हो गया है. केदारनाथ यात्रा पर निर्भर रहने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लोगों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. लोगों को उम्मीद थी कि दूसरे साल यात्रा चलेगी, लेकिन एक बार फिर कोरोना ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी, होटल, लॉज, दुकान, टेंट आदि से अपनी आजीविका का संचालन करने वाले लोगों के सामने इस बार भी दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है. अब केदारनाथ यात्रा को लेकर एडवांस की गई सभी बुकिंग भी कैंसिल हो गई हैं.
300 करोड़ के कारोबार पर असर
केदारघाटी के लोग 6 महीने यात्रा सीजन में रोजगार कर अपने वर्ष भर का खर्चा निकालते हैं, लेकिन पिछले वर्ष से यात्रा ठप पड़ी हुई है. बीच में एक बार स्थिति सामान्य होने पर लोगों में एक उम्मीद जगी थी, लेकिन इस बार भी यात्रा के स्थगित होने से परेशानियां बढ़ गई हैं. छह माह के दौरान केदारनाथ धाम की यात्रा में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी, होटल, लॉज, हेली सेवा, व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि से तीन सौ करोड़ के पार का व्यवसाय होता है, लेकिन पिछले वर्ष से यह व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. देवस्थानम बोर्ड की आय भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई है.
सरकार से उम्मीदें
तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी एवं केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि यात्रा न चलने के कारण अब लोगों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट भी पैदा हो गया है. पिछले वर्ष से अभी तक हजारों लोग घरों में बेरोजगार बैठे हैं. पिछले वर्ष अंतिम महीने में कुछ यात्री केदारनाथ दर्शन के लिये आये थे, लेकिन रोजगार के लिये यह यात्रा नाकाफी थी. अब इस बार भी यात्रा स्थगित होने से परेशानियां बढ़ गई हैं. ऐसे में अब यात्रा पर निर्भर रहने वाले लोगों को सरकार से ही उम्मीदें हैं.
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