काशी में विकास की रफ्तार के बीच उद्योगधंधो व कारोबारियों की क्या समस्याएं हैं। एबीपी गंगा ने शहर के कुछ प्रतिष्ठित कारोबारियों से बातचीत की उनकी राय जानी। स्कूल संचालक ने अपनी बात रखते हुये कहा कि शहर में कनेक्टिविटी की बड़ी दिक्कत है, इंफ्रस्ट्रक्चर को काफी काम किया जाना है। स्कूल संचालक अनिमेष के मुताबिक उन्होंने बनारस के बच्चों के लिये पहला इंटरेक्टिव व्हाइट बोर्ड लेकर आए। शिक्षा में तकनीक के चलते बच्चे घर पर बैठकर भी किसी विषय की शिक्षा ले सकते हैं।


इसी मंच पर मौजूद डॉक्टर आर के यादव जिन्होंने एलर्जी पर काफी काम किया है। उन्होंने बताया कि मैंने महाराष्ट्र से पढ़ाई कि फिर बनारस आकर क्लीनिक खोली। उन्होंने कहा कि भारत में इस पर ज्यादा काम नहीं किया गया। डॉक्टर यादव ने कहा कि इस बीमारी को लेकर लोगों में जानकारी नहीं है। अगर सही इलाज नहीं किया गया तो एलर्जी एक वक्त में दमा का रूप ले लेती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में सभी तरह की एलर्जी की दवा है।


गो 66 पिज्जा के मैनेजर अमित श्रीवास्तव ने बताया कि विदेशी खाने को भारतीय व्यंजन के हिसाब से किस तरह बदला जाए हमने इस काम किया। हमने देसी ब्रांड बनाया और आज ये घर घर तक पहुंचा है। हमने 500 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया। सरकार से उनकी मांग है कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में लाइसेंस और कंपलाइंस सरल हो। उन्होंने ये भी कहा कि इंसपेक्टर राज अभी खत्म नहीं हुआ है। स्टार्टअप शुरू करनेवाले वेल्थ वेली के डायरेक्टर ने कहा कि हमारी कंपनी वेल्थ प्लानिंग करती है, कौन सी पॉलिसी आपके लिये कारगर है कौन सी नहीं। दूसरी तरफ रियल स्टेट से जुड़े कारोबारी सौरभ सिंह का कहना था कि रोजगार देनेवाला बनना चाहिये और इसी कॉनेप्ट को मैंने अपनाया।