Butter festival: क्या आपको मालूम है उत्तराखंड में एक होली ऐसी भी मनाई जाती है जिसमें घी और मक्खन दही से एक दूसरे को नहलाया जाता है. जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की मक्खन होली की. इस होली को बटर फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में मूल रूप से हिमालय पशुपालकों के इस अनूठे उत्सव में सभी लोग शामिल होते हैं. बटर फेस्टिवल को देखने के लिए देश और विदेश के हजारों पर्यटक आते हैं.


समुद्र तल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी जिले के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल मनाया जाता है. स्थानीय स्तर पर लोग इसे अढूडी त्योहार बोलते हैं. इसको दयारा पर्यटन उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन अब इसे आमतौर पर बटर फेस्टिवल के नाम से ही जाना जाता है. हर साल भादो संक्रांति पर आयोजित होने वाले इस बटर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. ढोल नगाड़ों के साथ सभी लोग नाच गाकर इस फेस्टिवल को मनाते हैं. यहां आने वाले देसी और विदेशी पर्यटक इस उत्सव में शामिल होते हैं. 


एक दूसरे पर लगाते हैं दूध, घी, दही और मक्खन


इस उत्सव में सब लोग एक साथ मिलकर एक दूसरे पर दूध घी दही मक्खन लगाते हैं और घंटे तक होली खेलने के बाद लोग प्रकृति की पूजा करते हैं वह सबके लिए खुशहाली की कामना की जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस त्यौहार को प्रकृति का शुक्रिया अदा करने के लिए मनाया जाता है. मानसून सीजन समाप्त होने के बाद ऊपरी इलाकों में ठंड बढ़ने लगती है. उससे पहले यह उत्सव मनाया जाता है दूध से बने तमाम उत्पादों से यहां होली खेली जाती है. यहां के लोग अपने जानवरों को परिवार जैसा दर्जा देते हैं इस उत्सव को मनाने का यही मकसद है कि प्रकृति ने जो हमें दिया है हम उसका धन्यवाद व्यक्त करें. प्रकृति को पूज सके इस त्यौहार को देखने देश और विदेश के तमाम पर्यटक आते हैं और इस त्यौहार में शामिल होते है.


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