नई दिल्ली, एबीपी गंगा। नागरिकता कानून के खिलाफ सियासत जोरों पर हैं। कांग्रेस लगातार सीएए और एनआरसी को लेकर सत्ताधारी बीजेपी सरकार को घेर रही है। दो दिन पहले पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी बिजनौर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिली और आज वे और राहुल गांधी मेरठ जाने की तैयारी में थीं लेकिन प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुये उन्हें रोक दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मेरठ में CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करनेवाली थीं। मेरठ प्रशासन का कहना है कि शहर में धारा 144 लगी हुई है और जहां ने जाना चाहती हैं वह संवेदनशील इलाका है।


बता दें कि रविवार को प्रियंका गांधी अचानक बिजनौर को नहटौर पहुंचीं, जहां उन्होंने हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दिया। 20 दिसंबर को बिजनौर के नहटौर क्षेत्र में हुई हिंसा के दौरान चली गोली में अनस और सुलेमान नाम के व्यक्तियों की मौत हो गई थी। जबकि इस घटना में तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।



वहीं, मेरठ जिले में भी इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई है, उन्हीं के परिजनों से मिलने के लिए आज प्रियंका मेरठ पहुंच सकती हैं। बता दें कि बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लिसाड़ी गेट इलाके में मेरठ-हापुड़ मार्ग पर भीड़ बेकाबू हो गई। आरोप है कि बेकाबू भीड़ ने राहगिरों की गाड़ियों के साथ ही पुलिस की गाड़ियों पर भी जमकर पथराव किया। भीड़ को काबू में लाने के लिए वहां मौजूद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। जिसमें तीन युवकों की मौत हो गई। जिन लोगों की जान गई हैं, उनके नाम आशिफ, जहगीर और मोसीन बताया जा रहा है।


लखनऊ: 25 दिसंबर तक बंद रहेगा इंटरनेट


वहीं, सूबे की राजधानी लखनऊ में हुए बवाल के बाद इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। हालांकि, मंगलवार सुबह थोड़ी देर के लिए इसे बहाल जरूर किया गया, लेकिन एक बार फिर इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर शाम 8 बजे तक नेट की सुविधा बंद रहेगी।


कानपुर: दुकानें खुली, इंटरनेट सेवाएं बहाल


वहीं, कानपुर में भी पिछले दो दिनों की शांति के बाद दुकानें खुल गई हैं। शहर में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, हालांकि कई इलाकों में नेट की स्पीड काफी कम है। वहीं, पुलिस ने पुलिस ने मंगलवार को बाबूपुरवा हिंसा के आरोपियों के पोस्टर चस्पा किए हैं। हिंसा के मामले में अबतक 17 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। यतीमखाना बवाल में AIMIM जिलाध्यक्ष और 31 नामजद आरोपियों पर केस दर्ज हुआ है।


वाराणसी: उपद्रवियों का पता बताने वालों को मिलेगा ईनाम


पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बवाल मचाने वाले उपद्रवियों का पता बताने वालों को ईनाम देने की घोषणा की गई है। वाराणसी पुलिस ने भेलूपुर इलाके में उपद्रवियों के पोस्टर भी चस्पा किए हैं। पुलिस उपद्रवियों के धरपकड़ के लिए अनोखा तरीका अपनाया। पुलिस का कहना है कि पद्रवियों का नाम और पता बताने वालों को उचित ईनाम मिलेगा। बता दें कि बीते 20 दिसंबर को एनआरसी और सीएए को लेकर यहां जमकर हंगामा हुआ था। इस मामले में 73 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 6000 अज्ञात व्यक्तियों की फोटो और सीसीटीवी के आधार पर पहचान कराई जा रही।


आगरा: इंटरनेट चालू, हटेगी फोर्स


उधर, आगरा जिले में इंटरनेट चालू होने के बाद अब फोर्स को भी हटाने की तैयारी है। धीरे-धीरे पुलिस की तैनाती कम की जाएगी। हालांकि, चौकसी बरकरार रहेगी। हिंसा और बवाल की वजह से 108 संवेदनशील स्थानों पर लगातार 24 घंटे के लिए पुलिस बल तैनात था। तीन दर्जन रूफटॉप पर भी पुलिस को तैनात किया गया था। ए-बी-सी तीन श्रेणियों में पुलिस बल तैनात था। ए-श्रेणी में चिन्हित स्थानों पर 1 जनवरी तक पुलिस फोर्स तैनात रहेगा। वहीं, 20 युवकों के खिलाफ एलआईयू ने खुफिया रिपोर्ट दी है। एसएसपी आगरा कार्रवाई की रणनीति बना रहे हैं। शहर में माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले युवकों पर पाबंदी लगेगी।


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