उन्नाव, एजेंसी। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा में पश्चिम बंगाल के लोगों का हाथ होने के उत्तर प्रदेश सरकार के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उस वक्त सरकार क्या कर रही थी। सपा मुखिया कथित तौर पर बलात्कार की शिकार और फिर इलाज के दौरान जान गंवाने वाली लड़की के परिजनों से मिलने यहां आए थे।


परिजनों से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा 'सरकार कह रही है कि हिंसा के लिये पश्चिम बंगाल के लोग आए थे.... तो आप क्या कर रहे थे। बंगाल से सूचना आ रही है कि कुछ लोगों ने कपड़े बदलकर आग लगाई थी।'


प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पिछले दिनों कहा था कि सीएए के खिलाफ प्रदेश में हिंसा भड़काने में 'बाहरी तत्वों' का हाथ था और इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल के मालदा से छह लोगों को पकड़ा गया है। अखिलेश ने कहा कि जितने भी भारतीय हैं, वे सीएए के खिलाफ हैं। भाजपा सच को मार देगी। सरकार मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए यह कानून लेकर आई है।


लखनऊ स्थित लोकभवन में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के अनावरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन कार्यक्रम बारे में अखिलेश ने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री ने कुछ काम नहीं किया है। भाजपा सपा का काम प्रधानमंत्री को दिखा रही है। हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री समाजवादियों का काम देखने आ रहे हैं।'


मोदी कल लोकभवन में वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। लोकभवन को सपा सरकार के दौरान बनाया गया था। अखिलेश ने लोकभवन के बारे में ही कहा कि भाजपा सपा के काम को प्रधानमंत्री को दिखा रही है।


सपा अध्यक्ष ने इलाज के दौरान जान गंवाने वाली कथित बलात्कार पीड़िता के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और पांच लाख रुपये की सहायता प्रदान की। उन्होंने इस प्रकरण में पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस पहले तो ऐसी नहीं थी। सरकार पुलिस को खराब कर रही है। हमने तो पुलिस को अच्छा बनाया था। कुछ भी हो, परिवार को न्याय मिलना चाहिए।


कथित बलात्कार पीड़िता 23 वर्षीय युवती की इलाज के दौरान कानपुर के हैलट अस्पताल में शनिवार रात मौत हो गई थी।


अधिकारियों के अनुसार युवती ने दो महीने पहले बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने गत 16 दिसंबर को यहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली थी। इस घटना में युवती बुरी तरह झुलस गई थी और उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था। बाद में उसे कानपुर के अस्पताल में भेजा गया था।


पुलिस अधीक्षक ने कहा था, 'महिला ने दो अक्टूबर को एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके साथ वह 10 साल से संबंध में थी। लड़के ने जब शादी से इनकार कर दिया तो उसने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इस पर आरोपी को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई।'