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CAA Protest: शाहीन बाग में मासूम ने तोड़ा दम, बरेली में पसरा मातम;सुनें परिवारवालों ने क्या कहा
शाहीन बाग में ठंड की वजह से जिस चार महीने के मासूम की मौत हुई है, उसके परिवार मूलरूप से यूपी के बरेली जिले के रहने वाला है। मासूम चांद मोहम्मद की मौत से बरेली स्थित उनके घर में मातम पसरा हुआ है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे सीएए और एनआरसी के खिलाफ धरने में एक मासूम की जान चली गई है। जिस मासूम की शाहीन बाग में जान गई है, उसके परिजन बरेली के रहने वाले हैं। वहीं, 4 महीने के मासूम की मौत की सूचना मिलते ही बरेली स्थित उसके परिवार में मातम पसर गया है।
4 महीने के मासूम चांद मोहम्मद अब इस दुनिया में नहीं रहा। जिस 4 महीने के मासूम की मौत हुई है, वो तो इतना भी नहीं जानता कि नागरिकता कानून क्या है, नागरिकता क्या होती है, वो तो अपने मां-बाप के साथ शाहीन बाग में धरने पर बैठा था और इसी दौरान उसकी तबियत बिगड़ी और मासूम की जान चली गई। मासूम का परिवार आंवला नगर में रहता है। जैसे ही वहां उसकी मौत की सूचंना पहुंची तो, परिवार में कोहराम मच गया। अरशद के घरवाले छोटे बच्चे की मौत के बाद बहुत गमजदा हैं और उनका कहना है कि सरकार को अब सी ए ए को वापस ले लेना चाहिए। बच्चे की परदादी और बच्चे के बाबा भी कहते हैं कि भले ही मोहम्मद चांद की छोटी सी उम्र में ही जान चली गई हो, मगर वो और उनका पूरा परिवार अपनी मांगों पर कायम हैं।
4 महीने के मोहम्मद जहां के माता-पिता नाजिया और आरिफ मूलरूप से बरेली के रहने वाले हैं। फिलहाल वे दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में प्लास्टिक और पुराने कपड़े से बनी छोटी सी झुग्गी में रहते हैं। मोहम्मद के अलावा उनके दो बच्चे और हैं- एक पांच साल की बेटी और एक साल का बेटा। अपना रोज़मर्रा का खर्च पूरा करने के लिए आरिफ कढ़ाई का काम करते हैं। साथ ही, ई- रिक्शा भी चलाते हैं। पत्नी नाजिया कढ़ाई के काम में उनकी मदद करती हैं।
गौरतलब है कि सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में खुले में चल रहे प्रदर्शन के दौरान चार महीने के मोहम्मद की ठंड लगने से मौत हो गई थी। उसे भयंकर जुकान हो गया था और सीने में जकड़न की समस्या हो गई थी। हालांकि, उसकी मां नाजिया बच्चे को साथ लेकर प्रदर्शन में शामिल होने पर अटल रही। बता दें कि भले ही प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कई बार इस बात को कह चुके है कि सीएए नागरिकता देने का कानून है, किसी की नागरिकता छिनने का नहीं है। इसके बावजूद सीएए को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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