लखनऊ, एजेंसी। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में विभिन्न संगठनों की ओर से बुलाया गया 'भारत बंद' का उत्तर प्रदेश में मिलाजुला असर रहा। राजधानी लखनऊ के मुस्लिम बहुल पुराने इलाकों में बंद का खासा असर नजर आया। वहां होटल, रेस्टोरेंट तथा छोटी-बड़ी तमाम दुकानें दिन भर बंद रही, लेकिन इसके उलट हजरतगंज और गोमती नगर समेत शहर के बाकी अनेक हिस्सों में बंद का कोई असर नहीं दिखाई दिया।


देवरिया से मिली खबर के मुताबिक पूर्व राज्यसभा सदस्य आस मोहम्मद और उनकी पत्नी को पुलिस ने सलेमपुर क्षेत्र के पास हिरासत में ले लिया । उस वक्त वे सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सुभाष चौक की तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे। मोहम्मद को हिरासत में लिए जाने की खबर फैलने पर स्थानीय लोग कोतवाली पहुंचे और उनकी रिहाई की मांग की।


इस बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्र ने बताया कि पूर्व राज्यसभा सांसद और उनकी पत्नी को इसलिए थाने लाया गया क्योंकि उनके प्रदर्शन करने की वजह से कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता था।


गोरखपुर में बंद का असर कुछ ही स्थानों पर नजर आया। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में बंद का मिलाजुला असर रहा। दूसरी ओर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध मे महिलाओं ने प्रदर्शन किया जिसका देवबंद के व्यवसायियों ने समर्थन दिया। इस दौरान देवबंद के तमाम बाजार बंद रहे और पूरे देवबंद से हजारों महिलायें, पुरूषों एवं बच्चों ने एक जलूस निकाला और इस कानून का विरोध किया ।