Citizenship Amendment Act: केंद्र की बीजेपी सरकार ने 11 मार्च, 2024 को विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून देश में लागू करने की घोषणा कर दी है. लोकसभा चुनाव से पहले सीएए की अधिसूचना जारी होने पर विपक्ष हमलावर है. सत्त रूढ़ दल के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक निर्णय बताने में जुटे हुए हैं. उत्तराखंड से भी सीएए पर तीखी बयानबाजी सामने आ रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बीजेपी सरकार 2024 में वोटों का धुव्रीकरण करने के लिए लाई है.


लोकसभा चुनाव से पहले क्यों नागरिकता संशोधन कानून? 


10 साल सत्ता में रहने के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून क्यों नहीं आया. ऐन चुनाव से ठीक पहले नागरिकता संशोधन कानून लाने के पीछे वोटों का धुव्रीकरण करना है. करन माहरा ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा कानून के जरिे कुछ लोगों को डराने की है. 2024 में केंद्र सरकार सीएए पर कानून चुनावी लाभ लेने की नीयत से लाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विरोध सिर्फ इतना है कि चुनाव से पहले क्यों. 10 साल के कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून क्यों नहीं आया.


कांग्रेस ने उठाए सवाल तो बीजपी ने भी संभाली कमान


उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि डर के जरिये चुनाव जीतना चाहती है. इसलिए नागरिकता संशोधन कानून को चुनाव से पहले बीजेपी सरकार लेकर आई है. बता दें कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने केंद्र सरकार की पहल का स्वागत किया है. मुस्लिम उलेमाओं ने सीएए का विरोध किया है. उनका कहना है कि मुसलमानों के साथ कानून भेदभाव करता है. नागरिकता संशोधन कानून अधिनियिम की धारा से मुस्लिमों को बाहर रखना केंद्र सरकार की भेदभाव की राजनीति को दर्शाता है. देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक नागरिकों को नागरिकता मिलने में आसानी हो गयी है. 


UP Lok Sabha Chunav 2024: INDIA अलायंस में आम आदमी पार्टी को भी मिलेगी जगह? कितनी सीटों पर लड़ेगी चुनाव!