प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में कोहराम मचा हुआ है। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर देशभर में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। विरोध में लगातार तेज़ हो रही आवाज़ से करोड़ों लोग दुविधा में हैं। ऐसे में लोगों को इसकी हकीकत से रूबरू कराने और इसे वक्त की जरूरत बताने के मकसद से यूपी की ओपन यूनिवर्सिटी ने CAA पर स्पेशल कोर्स की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा CAA पर शुरू किया गया यह स्पेशल सर्टिफिकेट कोर्स सिर्फ तीन महीने का है।
मात्र 500 रुपये होगी कोर्स की फीस
कोई भी नागरिक यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन आवेदन कर CAA के जागरूकता कोर्स में एडमिशन ले सकता है। तीन महीने बाद होने वाली लिखित परीक्षा में पास होने वाले सभी अभ्यर्थियों को यूनिवर्सिटी की तरफ से कोर्स पूरा करने का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। कोर्स की फीस महज़ 500 रुपये रखी गई है। नागरिकता संशोधन कानून पर पिछले हफ्ते शुरू हुए इस स्पेशल कोर्स को लोगों का ज़बरदस्त रिस्पांस मिल रहा है। हफ्ते भर में ही 90 से ज़्यादा लोगों ने इसमें एडमिशन ले लिया है।
कोर्स में कौन-कौन से चैप्टर हैं शामिल
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर के. एन. सिंह के मुताबिक, तीन महीने के स्पेशल सर्टिफिकेट कोर्स में दुनियाभर में नागरिकता कानून की स्थिति, भारत के पड़ोसी देशों में नागरिकता के नियमों और देश में नागरिकता कानून में बदलाव की ज़रूरतों समेत कई चैप्टर शामिल किए गए हैं। ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को लिखित मैटीरियल उनके पते पर भेज दिए जाएंगे। इसके साथ ही, प्रयागराज में यूनिवर्सिटी के हेडक्वार्टर समेत सूबे के कुछ दूसरे प्रमुख सेंटर्स पर नागरिकता कानून के जानकारों का लेक्चर कराए जाने की भी तैयारी है।
क्यों शुरू किया गया ये स्पेशल कोर्स
वाइस चांसलर प्रोफेसर केएन सिंह का कहना है कि CAA को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। लोग इसके बारे में जानकारी चाहते हैं, इसलिये इस स्पेशल कोर्स की शुरुआत की गई है। उनके मुताबिक, इसकी पढ़ाई करने वाले लोग लाखों लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले लखनऊ यूनिवर्सिटी ने भी CAA की पढ़ाई कराने का ऐलान किया था। हालांकि लखनऊ यूनिवर्सिटी में सिर्फ एक चैप्टर ही रखा गया है, जबकि प्रयागराज की राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी ने इस पर अलग से नया कोर्स ही शुरू किया है। हालांकि सवाल यह उठता है कि जो लोग समझाने से नहीं समझ रहे हैं, क्या वह पढ़ाने से CAA को समझ सकेंगे।
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