Cabinet Minister Ganesh Joshi Attack On Congress: उत्तराखंड में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं बयानबाजियों का दौर और तेज होता जा रहा है. राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है ऐसे में चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है. गुरुवार को कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मसूरी की वाल्मीकि और मुस्लिम बस्ती में पहुंचे और उनसे बीजेपी के समर्थन में वोट डालने की अपील की. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा क उनकी आंखें खराब हो गई हैं जो विकास नहीं देख पा रही है.
गणेश जोशी का कांग्रेस पर आरोप
मसूरी में गणेश जोशी जब यहां पहुंचे तो उनके समर्थन में भारी संख्या में लोग भी दिखाई दिए. इस दौरान कई मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पूरे उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी को सभी समुदाय का अपार जनसमर्थन मिल रहा है चाहे वह मुस्लिम हों, अनुसूचित जाति हों या क्रिश्चियन समाज के लोग, सभी बीजेपी के काम से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने कभी जाति की राजनीति नहीं की. हमेशा विकास की राजनीति की है. पहले की सरकार ने करोड़ों रुपए मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान के लिए दिये थे. उन्होंने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति ही की है.
दोहराया 60 प्लस का नारा
गणेश जोशी ने एक बार फिर 60 प्लस का नारा दोहराते हुए कहा कि बीजेपी की जीत की शुरुआत मसूरी से होने जा रही है. ठेका प्रथा से वाल्मीकि समाज के साथ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी बहुत ज्यादा परेशान है. उन्होंने कहा की बीजेपी की सरकार बनते ही इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाएगा ताकि इसका हल निकाला जा सके. भाजपा के घोषणा पत्र में एक लाख तक के वाल्मीकि समाज के श्रृणों को माफ करने का काम किया जाएगा.
कांग्रेस को नहीं दिखता विकास
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में रहती है तो वह बहरी हो जाती है और जब बाहर रहती है तो अंधी हो जाती है. कांग्रेस के लोगों की आंखें खराब हो गई है उनको मसूरी में पार्किंग, टाउन हॉल, पेयजल योजना आदि विकास कार्य नजर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वो लोग उनसे 10 साल का रिपोर्ट कार्ड मांग रहे हैं जिन्होंने मसूरी में डकैती डाली है. सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ है. उनका रिपोर्ट कार्ड उनकी जनता के पास है और जनता उनको रिपोर्ट कार्ड के आधार पर नंबर भी देगी.
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