SC on Demonetisation Decision: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के छह साल पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को सही बताया है. जिस पर अब उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को सही माना है. इससे साबित हो गया है कि सरकार ने ये फैसला आर्थिक आधार पर लिया था. उन्होंने कहा कई राज्यों में हुए चुनाव के बाद जनता ने भी इस पर मुहर लगाई है.
नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के 2016 में नोटबंदी के फैसले को सही माना है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले को आर्थिक आधार पर लिया गया था, नोटबंदी के बाद भी देश के कई राज्यों में चुनाव हुए, इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनी थी. जनता ने भी मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया था.
नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोटबंदी मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के 2016 में 500 और 1000 रुपये की श्रृंखला वाले नोट बंद करने के फैसले को अनुचित नहीं ठहराया जा सकता. न्यायमूर्ति एस. ए. नज़ीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि इस संबंध में फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार के बीच विचार-विमर्श के बाद किया गया था. कोर्ट ने माना कि नोटबंदी के समय अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साल 2016 में हुई नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया. जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि आर्थिक फैसलों को बदला नहीं जा सकता. आपको बता दें कि विपक्ष लगातार नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधता है. विपक्ष का आरोप है कि इस फैसले की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ.
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