Nazul Land Bill: ‘हमने उजाड़ा तो लोग हमको उखाड़ देंगे…’नजूल विधेयक पर संजय निषाद ने सरकार से दो टूक
Nazul Bill UP: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों को स्थापित करने वाली है. अधिकारियों द्वारा सरकार को घुमाया जा रहा है ताकि हमारे वोटर नाराज हो जाएं.
Nazul Bill UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लाया गया नजूल संपत्ति विधेयक लटक गया है. विधानपरिषद में विरोध को देखते हुए इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया है. बावजूद इसके इस विधेयक को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी इसके विरोध में आवाज उठाई है. वहीं यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर हमने उजाड़ा तो वो हमें उखाड़ देंगे.
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी से शुरू से निर्बल को सबल बनाने पर काम कर रही है. आज भी नदी के किनारे सैकड़ों ऐसी जातियों के लोग रहते हैं वो कागज कहां से लाएंगे. जिन लोगों ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और देश की आजादी में योगदान दिया आज भी उनके कई ट्राइबल है वो कैसे कागज बनवाएंगे. जो पढ़े लिखे भी नहीं हैं.
नजूल संपत्ति विधेयक पर बोले संजय निषाद
संजय निषाद ने कहा कि हमारी सरकार सभी को स्थापित करने के लिए है. हमारी सरकार बड़े लोगों से टैक्स लेकर जिनके पास आवास नहीं है उन गरीब लोगों को घर दे रही है. उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो सरकार को ऐसे घुमा रहे हैं कि वोटर नाराज हो जाएं. आगे 2027 के चुनाव हैं 2029 में चुनाव हैं हम किसी को उजाड़ेंगे तो क्या वो हमें छोड़ेंगे. वो हमें वोट क्यों देंगे. अगर हमने उन्हें उजाड़ा तो हमें उखाड़ देंगे. उन्होंने सरकार से इस पर विचार करने की मांग की.
संजय निषाद ही नहीं यूपी में योगी सरकार के तमाम सहयोगियों ने नजूल संपत्ति विधेयक का विरोध किया है. सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भी इस पर विचार करने की मांग की है तो वहीं कुंडा से विधायक राजा भैया ने भी इसका सदन में विरोध किया और कहा कि इससे लोग उजड़ जाएँगे.
एनडीए में सहयोगी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा- 'उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि ये विधेयक न सिर्फ गैरजरूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है.