लखनऊः उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है. हाल ही में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कयास लगाते हुए कहा था कि 2022 में BJP को प्रदेश में हार का मुंह देखना पड़ेगा और 40-50 सीट जीत पाएगी. जिसे लेकर कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सबको राजनीति में महत्वकांक्षा रखनी चाहिए. सपना देखने का अधिकार सभी को है. एसपी के नेता दिवास्वप्न देख रहे हैं. सपना देखें ठीक है, लेकिन 2017 में सपा को मुंह की खानी पड़ी. 2019 में तीस मार खां बन रहे थे और औंधे मुंह गिरे. 2022 में केवल बीजेपी अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगी.
वहीं 2022 में संजय निषाद को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर कहा, 'अब 2022 तक तो उनका साथ मिला ही हुआ है. 2022 में सरकार बनने के बाद तय होगा कि क्या करना है. वह सहयोगी दल के नेता हैं. उनका सम्मान करते हैं, लेकिन राजनीति में सौदेबाजी करना अच्छी परंपरा नहीं है, सुर बदलने के लिए होता है और उनके भी सुर बदल रहे हैं.
मित्र दलों के साथ एकजुट बीजेपी
बता दें निषाद पार्टी के अध्यक्ष की नाराजगी पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिनकी पार्टी है उनको मांग करने का अधिकार है. बीजेपी के सहयोगी दल होने पर उनके नेतृत्व पर विचार किया जाएगा. बीजेपी अपने सहयोगियों, मित्र दलों के साथ एकजुट है और 2022 में 300 से अधिक सीटें जीतने के लिए तौयार है. सब साथ हैं और साथ रहेंगे.'
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष के दौरे और मैराथन बैठक पर केशव मौर्या ने कहा कि चुनाव के पहले लगातार बैठकें होती हैं. सपा, बसपा, कांग्रेस और सभी विरोधी दल मिल जाए तब भी 300 से ज्यादा सीट बीजेपी ही जीत रही है. वहीं धर्मांतरण के मुद्दे पर डिप्टी सीएम ने कहा कि जो गैरकानूनी काम करेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.
उनका कहना है कि धर्मांतरण के लिए जो रास्ते अपनाए गए, विदेशों से धन एकत्र किया गया, लोगों को टारगेट किया गया वो गलत है. ऐसे लोगों को ऐसी सजा मिलेगी की फिर कोई ऐसा करने की हिम्मत नहीं करेगा. डिप्टी सीएम ने उनके घर सीएम योगी के आने पर कहा कि वो सिर्फ पुत्र और पुत्रवधु को आशीर्वाद देने आए थे. उनके साथ और भी लोग थे. इस पर चर्चा का कोई विषय ही नहीं है.
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