लखनऊ, शैलेष अरोड़ा। बेसिक शिक्षा विभाग की 69 हजार पदों की सहायक अध्यापक भर्ती को पूरा करने की मांग लेकर अब अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आये हैं। योगी सरकार की दूसरी बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन 6 जनवरी को हुआ था, लेकिन परिणाम अब तक जारी नहीं हो पाये। भर्ती परीक्षा के हजारों अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसे लेकर भारी संख्या में पुलिस बाल तैनात किया गया है।
सरकार की लापरवाही से परेशान अभ्यर्थी
धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का आरोप है की सरकारी महाधिवक्ता की तरफ से कोर्ट में लचर पैरवी के चलते उनकी भर्ती महीनों से फंसी है। भर्ती परीक्षा में शामिल कई अभ्यर्थियों ने ABP गंगा से बातचीत में कहा कि सरकार ने जो भी मानक और योग्यता तय की वो लोग उसे पूरा करते हैं। अब तक 6 बार ऐसा हो चुका है कि महाधिवक्ता सुनवाई में नहीं पहुंचे जिसकी वजह से मामला फंसा है।
बेसिक शिक्षा मंत्री से मिले अभ्यर्थी
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी से एक बार फिर मुलाकात भी की। अभ्यर्थियों ने बताया 27 अगस्त को पिछली मुलाकात में आश्वासन दिया गया था कि अगली सुनवाई में महाधिवक्ता जरूर पहुंचेंगे, लेकिन पांच सितंबर को फिर से सुनवाई की तारीख पर महाधिवक्ता नहीं आये। अब 12 सितंबर को मामले की फिर सुनवाई होगी।वहीं, बेसिक शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि कल हर हाल में महाधिवक्ता कोर्ट में पैरवी करेंगे। हालांकि अभ्यर्थियों का कहना है कि वो सिर्फ आश्वासन लेकर वापस नहीं जायेंगे। कल की सुनवाई तक वो निदेशालय पर ही दिन रात धरना देंगे।
अधर में लटका 4 लाख 10 हज़ार अभ्यर्थियों का भविष्य
मालूम हो कि बेसिक शिक्षा विभाग ने 6 जनवरी को 69 हजार पदों के लिए सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा कराई थी। परीक्षा के अगले दिन 7 जनवरी को विभाग ने भर्ती के लिए 60 और 65 फीसदी अंक की कट ऑफ तय कर दी। इसे लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने विरोध किया। अभ्यर्थियों ने कहा की कट ऑफ परीक्षा के पहले घोषित होनी चाहिए थी बाद में नहीं। विरोध ये भी था की कट ऑफ अंक इतने अधिक न रखे जाएं। 40 और 45 फीसदी अंक रखे जाएं। वहीं कुछ अभ्यर्थी सरकार द्वारा घोषित कट ऑफ पर ही भर्ती चाहते हैं। इसी वजह से मामला कोर्ट में है।