लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. इसके मुताबिक, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव 30 अप्रैल और 15 मई तक संपन्न करा लिए जाएंगे. इस पर सरकार के मंत्री भी कह रहे हैं कि हाईकोर्ट ने जो ने दिशा-निर्देश दिए हैं सरकार उसी के तहत पंचायत चुनाव करा लेगी.


15 मई तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाए


उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बीते साल दिसंबर में ही खत्म हो गया और इसी साल जनवरी में जिला पंचायतों के भी कार्यकाल खत्म हो गए. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा तो हो रही है, सियासी दल अपनी तैयारी कर रहे हैं. लेकिन पंचायत चुनाव की तारीखों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. हालांकि अब एक याचिका की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को साफ निर्देश दिए हैं कि पूरे प्रदेश में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव 30 अप्रैल तक और जिला पंचायत अध्यक्ष ब्लाक प्रमुखों के चुनाव 15 मई तक संपन्न करा लिए जाएं. इसके बाद अब यह तस्वीर साफ हो गई है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 15 मई तक संपन्न हो जाएंगे.


हालांकि कोर्ट ने प्रदेश सरकार को इन सीटों पर आरक्षण लागू करने के लिए 17 मार्च तक समय दिया है. दरअसल चुनाव की तारीख घोषित न होने की बड़ी वजह आरक्षण लागू न होने को ही बताया जा रहा है. हालांकि अब संसदीय कार्य मंत्री कह रहे हैं कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार की भी तैयारी उसी तरह समय सीमा में पंचायत चुनाव कराने की है और खुद मुख्यमंत्री ने इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं.


सियासी दल तैयारी में जुटे


पंचायत चुनाव लड़ने के लिए सियासी दल अपनी-अपनी तैयारी कर रहे हैं. बीजेपी भी जोर शोर से इस पंचायत चुनाव में जुटी हुई है. वहीं, चाहे ओवैसी की ए आईएमआईएम हो या फिर आम आदमी पार्टी सभी पंचायत चुनाव में अपना जोर आजमाने में जुटी हैं. लेकिन इन पंचायत चुनाव में पार्टी सिंबल पर कोई भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतर पाएगा. क्योंकि इसके लिए पंचायती राज नियमावली में बदलाव की जरूरत पड़ेगी और फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख नहीं रहा है. इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 4 पदों के लिए वोटिंग होगी इसके लिए 50 से ज्यादा सिंबल राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किए हैं. उम्मीदवार किसी भी पार्टी का हो, सिंबल उस पार्टी का नहीं होगा बल्कि सिंबल राज्य निर्वाचन आयोग जो तय करेगा वही सिंबल उसे दिया जाएगा.


12 करोड़ से अधिक वोटर


इस बार पंचायत चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 12 करोड़ 43 लाख से भी अधिक है. 2015 के पंचायत चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 11 करोड़ 76 लाख ही थी. वहीं, इस बार कुल पोलिंग स्टेशन 2लाख 2हजार होंगे. जबकि 2015 में इनकी संख्या 1 लाख 79 हजार थी. हालांकि, इस बार ग्राम पंचायतों की संख्या 2015 के मुकाबले कुछ कम हुई है. 2015 में ग्राम पंचायतें 59,162 थी, जबकि इस बार 58,194 ग्राम पंचायतें ही रह गई हैं. क्योंकि कई ग्राम पंचायतों को नगर निगम में सीमा विस्तार के तहत शामिल कर लिया गया है.


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए ग्राम प्रधान सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य पंचायत सदस्य जिला पंचायत के चुनाव होते हैं और फिर ये सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख अध्यक्षों को चुनते हैं. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यह तय है कि 15 मई तक पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव के नतीजे काफी अहम साबित होंगे.


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