Deoria: यूपी के देवरिया-कुशीनगर एमएलसी के प्रत्याशी डॉ कफील खान पर मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर सरकारी कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगा है. दरअसल दो दिन पहले डॉ. कफील खान ने एक महिला का सरकारी एम्बुलेंस में प्राथमिक इलाज कर उसे अस्पताल पहुंचाया था. उन पर आरोप है कि जब महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से जिला अस्पताल लाया जा रहा था तो उन्होंने जबरन एंबुलेंस रोककर महिला का इलाज शुरू कर दिया. एंबुलेंस ड्राइवर की तहरीर पर पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. 


डॉ कफील ने ट्वीट कर कही थी ये बात


दरअसल 27 मार्च को सपा प्रत्याशी डॉ कफील खान ने एक ट्वीट कर कहा कि, देवरिया में क्षेत्रीय भ्रमण कर रहा था तो देखा कि ट्रक ने एक औरत को टक्कर मार दी है. महिला को देवरिया सदर अस्पताल ले गया पर खून अधिक बह चुका था और तुरंत ऑपरेशन की जरूरत थी. प्राथमिक उपचार के बाद गोरखपुर रेफर करना पड़ा अभी उनको भेज ही रहा था कि मिश्रा जी की माँ गंभीर हालत में आ गई. इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया और लिखा कि 'बहुत दुखी हूं कल जिनको गोरखपुर रेफ़र किया था उनका इंतकाल हो गया, मिश्रा जी की मां जिस 108 एम्बुलेंस से लायी गईं थी उसका ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था, सदर हॉस्पिटल देवरिया में ना अंबु बैग था, ना लेरिंगोस्कोप था, ना ईटी ट्यूब, ना जीवन रक्षक औषधि. मिश्राजी की मां का भी देहांत हो गया.'


एंबुलेंस ड्राइवर की तहरीर पर दर्ज मामला

इसके बाद डॉ कफील खान के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. डॉ श्रीपति मिश्रा,डीआईजी/एसपी देवरिया ने कहा कि 108 एंबुलेंस के चालक ने थाना कोतवाली में तहरीर दी थी कि 26 मार्च को जब वो एक मरीज को भलुअनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ला रहा था तो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के पास डॉ कफील खान जबरदस्ती एंबुलेंस रोककर अंदर घुस गए और महिला का इलाज करने लगे. एंबुलेंस ड्राइवर की इस तहरीर पर डॉ कफील खान के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा और जबर्दस्ती इलाज करने का मामला दर्ज किया गया है. 


एंबुलेंस को लेकर लगाया था आरोप


वहीं एडीएम प्रशासन कुंवर पंकज ने कहा कि डॉक्टर कफील खान ने ट्वीट कर कुछ कमियों का जिक्र किया था कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं और अंबु बैग नहीं है. ये ट्वीट जब वायरल हुआ तो इसकी जांच की गई. पहली नजर में सामने आया है कि एंबुलेंस में दो कैटेगरी होती हैं, एक एडवांस लाइफ सपोर्ट होती है, और दूसरी बेसिक लाइफ सपोर्ट. इस एंबुलेंस में बेसिक लाइफ सपोर्ट से संबंधित सुविधाएं मौजूद थीं. वहीं जब उनसे पूछा गया कि सरकारी काम में बाधा डालने पर क्या कार्रवाई हुई है तो उन्होंने कहा कि इस मामले में हमेंं जानकारी नहीं है.

डॉ कफील खान कौन है?


डॉ कफील खान गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले पर सुर्खियों में आए थे. सीएम योगी के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था. जिसके बाद वो कई महीनों तक जेल में भी बंद रहे. समाजवादी पार्टी ने इस बार देवरिया-कुशीनगर एमएलसी सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया है.