(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: यूपी के पूर्व मंत्री डीपी यादव के खिलाफ अपहरण, रंगदारी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज
Moradabad News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री डीपी यादव के खिलाफ मुरादाबाद में अपहरण, रंगदारी वसूलने और धोखाधड़ी की एक एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में पूर्व विधायक विजय यादव समेत 6 लोग नामजद हैं.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मंत्री डीपी यादव (धर्मपाल यादव) के खिलाफ मुरादाबाद (Moradabad) में अपहरण, रंगदारी वसूलने और धोखाधड़ी की एक एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में पूर्व विधायक विजय यादव समेत 6 लोग नामजद हैं. डीपी यादव को बीते बुधवार को ही हत्या के एक मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बरी किया है.
मुरादाबाद के कारोबारी अनिल तोमर की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि डीपी यादव और उनके पांच साथियों ने उनका अपहरण करके 10 करोड़ रुपये रंगदारी मांगी. तोमर का कहना है कि आरोपियों में से एक हरिओम शर्मा है जो वर्ष 2017 तक उनकी कंपनी स्वदेशी कंस्ट्रक्शन में अकाउंटेंट के पद पर था. 2014 में उसने कंपनी की चेक बुक चोरी कर फर्जी हस्ताक्षर से विभिन्न नामों से उनके खाते से लाखों रुपया विभिन्न बैंक खातों में आरटीजीएस करा लिया था. अनिल तोमर का आरोप है कि इस काम में पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर वीरपाल और उनके फर्जी हस्ताक्षर से जमीन के बैनामे बंधक रखकर लोन भी लिया गया. धोखाधड़ी के इस मामले की जानकारी मिलने पर उन्होंने हरिओम शर्मा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो वह धमकियां देने लगा. उन्होंने पुलिस में शिकायत की तो अलग-अलग नामों से काफी धमकियां मिलने लगी. तोमर के मुताबिक 17 अक्टूबर 2021 की शाम करीब साढ़े चार बजे वह सिविल लाइंस इलाके से गुजर रहे थे तभी कमिश्नर आवास के पास कार सवार हथियारबंद लोगों ने उन्हें अगवा कर लिया. कार में पूर्व विधायक विजय यादव भी थे जिन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से डीपी यादव से बात कराई.
डीपी यादव ने मांगी थी 10 करोड़ रुपये रंगदारी
डीपी यादव ने तोमर को धमकाते हुए दिवाली से पहले पहले उससे 10 करोड़ रुपये रंगदारी मांगी. रुपया न देने पर उसके परिवारवालों को जान से मारने की धमकी दी गई. तोमर का यह भी आरोप है कि उसे छोड़ने से पहले विजय यादव ने बंदूक के दम पर कुछ सादे कागजों पर साइन करा लिए. इस बीच बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डीपी यादव को 1992 में विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के मामले में बरी कर दिया. डीपी यादव को इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 6 साल पहले उम्र कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट भेज दिया गया था, जहां से उन्हें बरी कर दिया गया. डीपी यादव इस समय पैरोल पर जेल से बाहर हैं. उन्होंने कारोबारी तोमर को फोन पर कहा भी था कि वह जेल के बाहर हैं और रुपया न देने पर उसे तथा परिवारवालों को नुकसान पहुंचा देंगे. मुरादाबाद के एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर डीपी यादव समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.
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