थानाध्यक्ष की प्राइवेट स्कार्पियो से अवैध शराब बरामद मामले में पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज
कुशीनगर में थानाध्यक्ष की गाड़ी से शराब मिलने के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। गौरतलब है कि 23 जुलाई को पुलिस कर्मी की निजी गाड़ी से अवैध शराब मिली थी। इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई थी।
कुशीनगर, एबीपी गंगा। पिछली 22 जुलाई की रात एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया था जिसको सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। उस रात कुशीनगर के कसया थाना क्षेत्र में सीओ तमकुहीराज द्वारा छापेमारी में थानाध्यक्ष कसया की प्राइवेट स्कार्पियो गाड़ी में शराब की पेटियां मिली थीं। इस गाड़ी के साथ थाने के चौकीदार भी पकड़े गए लेकिन पुलिस इतने गंभीर मामले को दबाने में जुटी हुई थी। इस घटना से एक एक्सक्लुसिव वीडियो हाथ लगा, जिसमें पकड़े गए व्यक्ति बता रहे थे कि थाने के सिपाहियों ने शराब गाड़ी में रखवाई थी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने पहले तो मामले को दबाने की पूरी कोशिश की लेकिन मामला एबीपी न्यूज के रिपोर्टर द्वारा मीडिया में लाने के बाद आईजी जोन गोरखपुर आनन फानन में 23 जुलाई की रात को कसया थाने जांच के लिये पहुंच गए। आईजी ने इस पूरे प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी।
अपर पुलिस अधीक्षक की जांच के आधार पर शासन से मिले निर्देश के बाद गुरुवार देर रात आरोपी इंस्पेक्टर सुनील राय के खिलाफ सीओ तमकुही की तहरीर पर कसया थाने में 217 आईपीसी, 60(A)/63 आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी इंस्पेक्टर को मुकदमा दर्ज होने के बाद निलंबित कर दिया गया है।
कुशीनगर जनपद बिहार सीमा से सटा हुआ होने के कारण यहां अवैध शराब की तस्करी जमकर होती है। कुशीनगर जनपद में नेशनल हाईवे 6 थाना क्षेत्रों से होकर गुजरती है। इसमें से चार थानों पर हमेशा तस्करी को लेकर सवाल उठते रहते हैं। हर बार बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या पुलिस शराब तस्करी में इन्वॉल्व रहती है। 23 जुलाई की बरामदगी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि बिना पुलिस की मिलीभगत के तस्करी करना संभव नहीं है। पकड़ी गई स्कार्पियो गाड़ी की नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा है और यूपी पुलिस का निशान भी बना है। अब मामला पुलिस का खुद से जुड़ा है तो विभाग इसको मैनेज करने में जुटा हुआ था। जब यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो डीजीपी के निर्देश पर आईजी जोन गोरखपुर जय नारायण सिंह 23 जुलाई की रात कसया थाने की जांच करने पहुंच गए। आईजी जोन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक गौरव बंसवाल को इसकी जांच सौंपी और 24 घंटे में रिपोर्ट अपने पास तलब कर ली। अपर पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर शासन से मिले निर्देश पर कल देर रात तत्कालीन थानाध्यक्ष के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
आज पुलिस अधीक्षक कुशीनगर राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष की प्राइवेट गाड़ी से शराब बरामदगी में अपर पुलिस अधीक्षक की जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए इंस्पेक्टर के विरुद्ध 217 आईपीसी, 60(A)/63 आबकारी एक्ट के तहत सीओ तमकुही की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मुकदमे की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कर रहे हैं। आगे की विभागीय कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष को पहले ही लाइनहाजिर किया जा चुका है लेकिन अब मुकदमा दर्ज होने के बाद निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पुलिस क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज राणा महेंद्र प्रताप सिंह ने 23 जुलाई को बात करने पर सिर्फ इतना बताया था कि मुझे मुखबिर से सूचना मिली कि कसया थाना क्षेत्र में थाने के सामने अवैध शराब की एक ट्रक उतरने वाला है। सूचना पर पुलिस अधीक्षक से वार्ता के बाद स्वाट टीम लेकर मैं मौके पर पहुंचा तो एक ट्रक अवैध शराब बरामद किया जो बिहार जा रही थी साथ ही एक स्कार्पियो गाड़ी नंबर UP-65 BJ 9700 भी पकड़ लिया जिसमे अवैध शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई। इसके साथ मनीष सिंह नाम का शराब माफिया भी पकड़ा गया। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि मैंने गाड़ी पकड़ी है चूंकि मामला कसया थाना क्षेत्र का था इसीलिए कसया थाने को शराब सहित गाड़ी सुपुर्द कर दिया हूं। आगे की कार्रवाई थाने की पुलिस को करनी है। अवैध शराब के साथ पकड़ी गई स्कार्पियो गाड़ी परिवहन विभाग के कागजों में ममता सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है। इसके आगे उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया था। ममता सिंह आरोपी इंस्पेक्टर की भाभी हैं।