Caste Census: मायावती और अखिलेश यादव को झटका या सीएम योगी का नया दांव, जातीय जनगणना पर बड़ा फैसला
UP Politics: गुरुवार को सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने विधानसभा में एक लिखित सवाल के जरिए जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया था. जिस पर सरकार की ओर से लिखित जवाब दिया गया है.
Caste Census in UP: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना का मुद्दा गरमाना शुरू हो गया है. गुरुवार को यूपी विधानसभा में सपा नेता ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया, जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया है. सीएम योगी ने विधान परिषद में इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार यूपी में जातीय जनगणना नहीं कराएगी. सीएम योगी ने साफ कहा कि ये मुद्दा केंद्र सरकार का है और प्रदेश सरकार की ऐसी जनगणना कराने की कोई योजना नहीं है.
गुरुवार को सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने विधानसभा में एक लिखित सवाल के जरिए जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया था. जिसके लिखित जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना कराने की योजना नहीं है क्योंकि जनगणना भारत सरकार की ओर से की जाती है. सीएम योगी ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के क्रमांक 69 पर जनगणना का विषय अंकित है. जनगणना कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा जनगणना अधिनियम 1948 एवं जनगणना नियमावली 1990 बनाई गई है, जिसके अन्तर्गत जनगणना का कार्य भारत सरकार द्वारा कराया जाता है.’’
सपा नेताओं ने किया सदन में हंगामा
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार के जवाब पर विपक्षी दल नाराज दिखे और सदन में उन्होंने जमकर हंगामा किया. नाराज सपा विधायक सदन के बीच में ही धरने पर बैठ गए जिसकी वजह से कुछ देर के लिए कार्यवाही को रोकना भी पड़ा.
दरअसल, समाजवादी पार्टी पहले से ही जातीय जनगणना कराए जाने का समर्थन करती रही है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने जातीय जनगणना के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. वहीं अखिलेश यादव लगातार इस मुद्दे को पूरे जोर से उठा रहे हैं. सपा अध्यक्ष के पीडीए फॉर्मूले के तहत ये मुद्दा उनकी लिस्ट में सबसे ऊपर है. वहीं पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की थी. जाहिर है कि लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त बयानबाजी देखने को मिल सकती है.