महोबा में गौवंशों की मौत के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी, सामने आई बड़ी लापरवाही
महोबा में पशुओं की मौत की जानकारी ग्रामीणों द्वारा पुलिस और पशु विभाग का दी गई। गौवंश की मौत की खबर आग की तरह पूरे जिले मे फैल गई।
महोबा, एबीपी गंगा। एक ओर जहां यूपी सरकार गौवंश की रक्षा के लिए गौशालाएं खुलवा रही है वहीं दूसरी ओर गौवंशों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुंदेलखंड के महोबा जिले में एक ग्राम पंचायत भवन में बन्द आधा दर्जन से अधिक गोवंशों की मौत हो गई है। माना जा रहा है कि गौवंशो की भूख, प्यास और दम घुटने की वजह से हुई है। गौवंशों को पंचायत भवन में किसने बन्द किया था यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मौके पर पहुंची पुलिस और पशु विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से मृत गौवशों को ग्राम पंचायत कार्यालय से बाहर निकलवाया
मामला चरखारी कोतवाली क्षेत्र के सुदामापुरी गांव का है जहां अज्ञात लोगों ने ग्राम पंचायत कार्यालय के बने कमरे में करीब दर्जन भर गौवंश बंद कर दिए थे। दोपहर जब लोगो ने देखा तो छह से अधिक गौवंशों की मौत हो चुकी थी। पशुओं की मौत की जानकारी ग्रामीणों द्वारा पुलिस और पशु विभाग का दी गई। गौवंश की मौत की खबर आग की तरह पूरे जिले मे फैल गई।
मौके पर पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि निर्दयता के साथ गौवंशों को एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया गया, जहां उन्हें खाने-पीने को कुछ नहीं दिया गया। साथ ही छोटे से कमरे में बंद होने के कारण दम घुटने की वजह से गौवंशों की मौत का बड़ा कारण माना जा रहा है।
पशु चिकित्सक डॉ. रवेंद्र राजपूत ने बताया कि उपचार के बाद कुछ गोवंश खतरे से बाहर हैं। एसडीएम अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि आज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। साथ ही पशुओं को पंचायत भवन में बंद करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है।