‘स्टिंग ऑपरेशन’ में CBI कोर्ट का आदेश, हरीश रावत सहित चार नेताओं को अपनी आवाज का नमूना देने को कहा
Dehradun News: ‘स्टिंग ऑपरेशन’ (Sting Operation) केस में सीबीआई (CBI) कोर्ट ने चारों नेताओं को अलग से नोटिस जारी करेगी. वर्ष 2016 में कांग्रेस (Congress) विधायकों से जुड़ा ये मामला है.
![‘स्टिंग ऑपरेशन’ में CBI कोर्ट का आदेश, हरीश रावत सहित चार नेताओं को अपनी आवाज का नमूना देने को कहा CBI court orders in sting operation Case to Harish Rawat including 4 leaders give their voice samples ‘स्टिंग ऑपरेशन’ में CBI कोर्ट का आदेश, हरीश रावत सहित चार नेताओं को अपनी आवाज का नमूना देने को कहा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/18/da6367f8a998da050b6beaae51fc0f7d1689664321058369_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Uttarakhand News: वर्ष 2016 के ‘स्टिंग ऑपरेशन’ (Sting Operation) मामले में विशेष सीबीआई (CBI) अदालत ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) सहित चार नेताओं को अपनी आवाज के नमूने देने के आदेश दिए हैं. विशेष न्यायाधीश, सीबीआई धमेंद्र अधिकारी ने सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता रावत, राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट, स्टिंग करने वाले पत्रकार और अब खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को अपनी आवाज के नमूने देने के आदेश दिए हैं.
आवाज के नमूने कब और कहां लिए जाएंगे, इसके बारे में सीबीआई इन नेताओं को अलग से नोटिस जारी करेगी. इससे पहले, 15 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान उमेश शर्मा को छोड़कर अन्य सभी नेताओं के वकीलों ने इस आधार पर सीबीआई के आवाज का नमूना लेने पर सवाल उठाए थे कि मामले से जुड़ी एक याचिका उत्तराखंड उच्च न्यायालय में लंबित है जिस पर 27 जुलाई को फैसला आना है.
विधायकों ने बीजेपी से मिला लिया था हाथ
वर्ष 2016 में 10 कांग्रेस विधायकों ने हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विद्रोह करके बीजेपी से हाथ मिला लिया था, जिसके बाद यह ‘स्टिंग ऑपरेशन’ सामने आया था. इस स्टिंग में सुनाई दे रही आवाजों के मिलान के लिए सीबीआई ने अदालत से अनुमति मांगी थी. स्टिंग के इस वीडियो में अपनी सरकार बचाने के लिए रावत असंतुष्ट विधायकों का समर्थन फिर हासिल कर सत्ता में बने रहने के लिए कथित तौर पर सौदेबाजी करते नजर आ रहे थे.
वीडियो सामने आने के बाद, पहले से ही अस्थिर राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था. उस वक्त कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद बनी परिस्थितियों में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. हालांकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विधानसभा में हुए शक्तिपरीक्षण में बहुमत हासिल करके रावत सरकार फिर बहाल हो गयी थी लेकिन इसमें बागी विधायकों को मत डालने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)