UP: निठारी मामले में सुरेंद्र कोली की अपील पर CBI की बहस पूरी, अब आगे क्या होगा?
Nithari case: इस मामले में अब मोहिंद सिंह पंढ़ेर की अपीलों पर सुनवाई होगी. 14 जुलाई को भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी. जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.
UP Crime News: नोएडा का बहुचर्चित निठारी कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में फांसी की सजा के खिलाफ सुरेंदर कोली व मोनिंदर सिंह पंढेर की अपीलों पर सुनवाई जारी की है. सीबीआई की ओर से सुरेंदर कोली की अपीलों पर बहस अब पूरी हो चूकि हैं. अब सीबीआई मोहिंदर सिंह पंढ़ेर की अपीलों पर सुनवाई करेगी. शुक्रवार 14 जुलाई को भी जारी रहेगी. मामले की सुनवाई जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की खंडपीठ कर रही है.
सीबीआई के अधिवक्ता संजय यादव व जितेंद्र प्रसाद मिश्र ने कोर्ट में कहा कि अभियुक्त ने मजिस्ट्रेट के समक्ष स्वेच्छा से अपराध कबूल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा मामले में कबूलनामे को स्वेच्छया और संतोषजनक माना है. अभियुक्त सुरेंदर कोली के पास से पीड़िता का मोबाइल फोन बरामद हुआ है. पीड़िता के कंकाल अवशेष नाले में मिली है और उनके परिवार से डी एन ए मैच कर गया है. परिस्थितियां स्वयं हत्या की गवाही दे रही हैं.
जांच प्रक्रिया में किसी अनियमितता के कारण उसे अपराध में संलिप्तता से राहत नहीं मिल सकेगी. सीबीआई की तरफ से कहा गया कि कोली को अपराध कबूल करने के बाद सोचने का पूरा समय दिया गया था. सुरेंदर कोली ने कबूलनामा सोच समझ कर किया है. कोली की निशानदेही पर कंकाल व पीड़िता के कपड़े, चप्पल आदि सामान बरामद हुए. बरामद अंग परिवार के लोगों से डीएनए जांच में मैच कर गये हैं. एक तरफ कबूलनामा और निशानदेही पर पीड़िता के कपड़े चप्पल आदि सामान की बरामदगी है.
अंगों की परिवार से डी एन ए मैच करना अपराध में लिप्तता के पर्याप्त सबूत हैं. अधिवक्ताओं ने कहा है कि सीबीआई की तरफ से उन्हें विधिक सहायता भी मुहैया कराई गई थी. जबकि बचाव पक्ष का कहना था कि पर्याप्त विधिक सहायता नहीं दी गई. जवाब में सीबीआई की तरफ से कहा गया कि मांगने पर विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों को प्रताड़ित नहीं किया बयान स्वेच्छा से दिया है. ऐसे कोई साक्ष्य नहीं है जिससे कहा जाय कि कबूलनामा दबाव में दिया गया है. उसी कबूलनामे व निशानदेही के आधार पर साक्ष्य बरामद हुए है. जिसके आधार पर विशेष अदालत ने अपराध के लिए दोषी करार देकर सजा सुनाई है.
सीबीआई ने कई जगहों को सील कर सबूत तलाशें जहां से संकेत मिले. सीबीआई ने उसी दिशा में जांच आगे बढ़ाई गई. निशानदेही पर बरामद साक्ष्यों की कड़ियां पूरे घटनाक्रम का खुलासा करती हैं. अभियुक्त लड़कियों को गुमराह कर कोठी में लाता था और अमानवीय अपराध करता था. जिसे उसने स्वयं ही कबूल किया है. भले ही घटनाओं का कोई चश्मदीद नहीं है फिर भी अपराध के पर्याप्त सबूत हैं. जिनके आधार पर फांसी की सजा सुनाई गई है और बहस जारी है. विशेष अदालत सीबीआई ने जघन्य अपराध का दोषी करार देते हुए केयरटेकर सुरेंदर कोली को 16 मामले में फांसी की सजा दी है. जबकि सीबीआई कोर्ट ने मोहिंदर सिंह पंढेर को भी दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई है. हालांकि कई केसों में विदेश में होने के कारण बरी कर दिया गया है.
गौतमबुद्ध नगर के निठारी गांव की लड़कियां गायब हो रही थीं. एक दिन नाले से मानव कंकाल अवशेष मिले मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. सीबीआई जांच में दर्जनों लड़कियों से दुष्कर्म और हत्या का खुलासा हुआ. नोएडा स्थित पंढेर की कोठी में घटनाएं घटित हुई थी सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने कुल 17 मामले में से 16 में सुरेंदर कोली को फांसी की सजा सुनाई है. इसमें से एक केस में फांसी पर राष्ट्रपति के समक्ष अर्जी तय करने में देरी को आधार बना हाईकोर्ट ने फांसी को उम्रकैद में परिवर्तित कर दिया. शेष 15 मामलों में हाईकोर्ट में अपीलों की सुनवाई पूरी हो गई है.
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