अवैध खनन घोटाला: CBI की कार्रवाई, बुलंदशहर के डीएम के घर छापा; 47 लाख रुपये बरामद
अवैध खनन घोटाले में सीबीआई लगातार शिकंजा कसती जा रही है। इस कड़ी में जांच एजेंसी ने बुलंदशहर के डीएम के ठिकानों पर छापा मारा है। इससे पहले आईएएस चंद्रकला के ठिकानों पर भी छापा मारा था।
लखनऊ, एबीपी गंगा। अवैध खनन घोटाले में सीबीआई की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। बुधवार सुबह जांच एजेंसी की टीम ने बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की। उन पर आरोप है कि सितंबर 2013 से जून 2014 के बीच फतेहपुर के डीएम रहते गैरकानूनी तरीके से खनन पट्टे दिये गये थे। आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला के बाद खनन घोटाले में ये एक और अफसर पर सीबीआई की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सीबीआई ने यूपी कैडर के दो आईएएस व एक सीनियर पीसीएस अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई ने यूपी के 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने डीएम बुलंदशहर अभय सिंह का सरकारी आवास, वर्तमान में लखनऊ में तैनात निदेशक कौशल विकास, विवेक कुमार का अंसल गोल्फ सिटी स्थित निजी आवास, आजमगढ़ में सीडीओ देवी शरण उपाध्याय का सरकारी आवास व दफ्तर पर शिकंजा कसा। डीएम आवास से सीबीआई ने 47 लाख रुपये बरामद किए हैं।
गौरतलब है कि सपा सरकार अभय सिंह फतेहपुर के डीएम रहे थे। वर्तमान में वे बुलंदशहर के डीएम पद पर हैं। इससे पहले आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ और दिल्ली स्थित ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। इस वर्ष जनवरी महीने में जांच एजेंसी ने चंद्रकला के ठिकानों पर छापा मारकर खनन घोटाले पर शिकंजा कसना शुरू किया था।
अलग-अलग घोटालों में 19 राज्यों में सीबीआई की छापेमारी इससे पहले मंगलवार को देश के 19 राज्यों में 110 ठिकानों पर हुई सीबीआई ने छापेमारी की। इनमें उत्तर प्रदेश में चार मामलों में जांच एजेंसी ने दो दर्जन ठिकानों पर छापा मारकर कार्रवाई की। बसपा सरकार में हुए चीनी मिल घोटाले में सीबीआई ने लखनऊ, सहारनपुर, गाजियाबाद और बाराबंकी के साथ दिल्ली में छापे मारे। इस सिलसिले में लखनऊ में पूर्व आईएएस नेतराम के घर पर सीबीआई ने छह घंटे तक छापेमारी की।
यही नहीं सीबीआई ने एनजीओ के जरिए विदेशी फंड के दुरुपयोग के मामले में भी दिल्ली और एनसीआर के 11 ठिकानों में छापे डाले। कानपुर के ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड बेचने मामले में हुए फर्जीवाड़े पर भी सीबीआई ने छापे डाले। बीआईसीएल के सीएमडी, कंपनी सेक्रेट्री के 5 ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई। ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड को कम दाम में बेचकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा चल रहा था।