गोरखपुर, एबीपी गंगा। देवरिया जिले में अवैध बालू खनन पट्टे में गड़बड़ी के आरोप में सीबीआई ने जिन दो अफसरों के घर छापेमारी की है, उनमें आईएएस अफसर व कौशल विकास निगम के निदेशक विवेक चार मार्च 2013 से 10 जून 2013 तक देवरिया के डीएम रहे हैं। वहीं आजमगढ़ के सीडीओ डीएस उपाध्याय तीन नवंबर 2012 से 15 अप्रैल 2013 तक एडीएम प्रशासन व खनन के प्रभारी पद पर तैनात रहे हैं। दोनों अधिकारियों का जनपद में 28 दिन का साथ था।


जोरों पर था अवैध खनन का कारोबार


पूर्ववर्ती सपा सरकार में छोटी गंडक नदी व घाघरा नदी में अवैध बालू खनन का धंधा जोरों पर था। इस काले कारोबार में कई सफेदपोश भी संलिप्त थे। विभागीय लोगों की मानें तो तत्कालीन डीएम विवेक व तत्कालीन एडीएम प्रशासन डीएस उपाध्याय के जमाने में बालू खनन कार्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई हैं। इस कार्रवाई से जनपद में तैनात रहे अफसरों व सफेदपोशों में खलबली मच गई है।


करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति


दरअसल, अवैध बालू खनन का कारोबार पूर्ववर्ती बसपा व सपा सरकारों में खूब फलफूल रहा था, जिसके चलते करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति हुई है। दोनों पूर्ववर्ती सरकारों में बालू के कई अवैध कारोबारियों की तूती बोलती थी। 2012 से 2016 के बीच तैनात रहे अफसर सीबीआइ के रडार पर थे।



गहनता से चल रहगी है जांच


बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2017 से सीबीआइ वर्ष 2006 से 2016 तक हुए पट्टों की जांच कर कार्रवाई में जुटी है। सीबीआई पहली बार 24 जुलाई 2017 से चार अगस्त 2017 तक जिले में रुकी थी। उसके बाद नवंबर 2016 में दूसरी बार व 2018 में तीसरी बार जनपद में आई थी। खनन से जुड़े लोगों से लंबी पूछताछ के साथ ही अभिलेख जुटाए थे व पत्रावलियों को लेकर लौट गई थी।