अखिलेश यादव राज में यूपी लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. इन भर्तियों में गड़बड़ी की जांच कर रही सीबीआई ने दूसरी एफआईआर दर्ज की है. आयोग के पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, आयोग के कई अन्य कर्मचारियों व दूसरे बाहरी लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि इन दिनों प्रभुनाथ यूपी के लोक निर्माण विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत हैं. 


सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि यूपी लोक सेवा आयोग ने हिंदी शॉर्ट हैंड की परीक्षा में फेल अभ्यर्थियों को भी अनुचित लाभ लेकर चयनित किया है. इसके साथ ही कंप्यूटर का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने वाले कई अभ्यर्थियों का भी सिलेक्शन हुआ है. बताया जा रहा है कि आवेदन पत्र जमा करने की आखरी तारीख बीतने के बाद भी कई अभ्यर्थियों से कंप्यूटर सर्टिफिकेट लिए गए. आयोग की इन गलतियों से कई योग्य अभ्यर्थी बाहर हो गए, जबकि कई अयोग्य लोग चयनित हो गए थे. 


250 पदों पर हुई थी भर्ती 


यह भर्ती 250 पदों पर हुई थी. इसमें 22 अभ्यर्थी ज्वाइन कर चुके हैं, जबकि 28 की ज्वाइनिंग पर रोक लगी हुई है. साल 2010 में भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था. साल 2013 में सामान्य हिंदी और सामान्य अध्ययन की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं. साल 2014 में हिंदी शॉर्टहैंड और हिंदी टाइपिंग की परीक्षा आयोजित हुई थी. साल 2016 में कंप्यूटर नॉलेज का एग्जाम हुआ था. इसके बाद साल 2017 में फाइनल एग्जाम और नतीजे जारी किए गए थे. 


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