शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, लगे हैं गंभीर आरोप
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीबीआई ने रिजवी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं. विपक्षी दलों ने भी वसीम रिजवी के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा है.
लखनऊ: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की हैं. ये मामले उनके चेयरमैन रहते बोर्ड के जरिए अनियमित तरीके से ट्रांसफर की गई वक्फ की संपत्तियों से जुड़े हैं. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी तकरीबन 16 वर्षों तक इस पद पर बने रहे. साल 2003 से 2004 से लगातार वो शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन नियुक्त होते रहे. इस दौरान गड़बड़ियों को लेकर कुल 21 मुकदमे भी अलग-अलग जिलों में दर्ज हुए. जिनमें, संपत्तियों की गलत तरीके से बिक्री, संपत्तियों का गलत हस्तांतरण और संपत्तियों का रिकॉर्ड डिलीट करने के आरोप लगे.
5000 संपत्तियों की जानकारी गायब मिली योगी सरकार में भी वसीम रिजवी के 5 से 6 मुकदमे दर्ज हुए. क्योंकि, ये हर बार चुनकर आते थे इसलिए सरकार ने उनको पद से बेदखल नहीं किया. इनका कार्यकाल 28 मई को समाप्त हुआ तब उनके खिलाफ जांच में तेजी लाई गई. हाल ही में सीडब्ल्यूसी सेंट्रल वक्फ कमेटी ने भी इनके खिलाफ एक जांच की थी जिसमें कई गड़बड़ियां मिलीं. रिकॉर्ड के मुताबिक कमेटी की कुल 8000 संपत्तियां दर्ज थीं लेकिन जब उसने जांच की तो उनमें से महज 3000 संपत्तियों के बारे में ही पता चला 5000 संपत्तियों की जानकारी ही गायब मिली.
विपक्ष ने बीजेपी को घेरा वसीम रिजवी ने इस दौरान सीबीआई जांच से बचने के लिए तमाम हथकंडे भी अपनाए. मदरसों को लेकर तमाम आरोप लगाए. मुस्लिम धर्मगुरुओं पर भी कई आरोप मढ़े. उन्होंने ये भी दिखाने की कोशिश की कि उनकी विचारधारा सत्ताधारी दल से जुड़ी हुई है लेकिन ये बात सभी जानते हैं कि वसीम रिजवी कभी आजम खान के बेहद करीबी भी रहे. उनके हथकंडों का कोई फायदा नहीं हुआ. तमाम शिकायतें मिलने के बाद अक्टूबर 2019 में योगी सरकार ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच के लिए केंद्र को लिखा था जिसके बाद अब सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की हैं. अब कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी सभी वसीम रिजवी के बहाने बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं.
वसीम रिजवी ने कही बड़ी बात अब खुद के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू होने पर वसीम रिजवी ने इसके पीछे मौलाना कल्बे जव्वाद का हाथ बताया है. उनका साफ तौर पर कहना है कि कल्बे जव्वाद लगातार उनका विरोध कर रहे थे और उन्होंने कल्बे जवाद के खिलाफ कई कार्रवाई की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.
कल्बे जव्वाद ने अमित शाह से की थी मुलाकात वसीम रिजवी पिछले साढे 3 सालों से लगातार बीजेपी के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. लगातार ऐसे बयान देते आ रहे हैं जिससे मुस्लिम समाज उनके खिलाफ कई बार खड़ा नजर आया. हालांकि, दो दिन पहले मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी और सीबीआई की एफआईआर उसके बाद दर्ज होना जाहिर है वसीम रिजवी के बयान को बल देता है.
ये भी पढ़ें: