हमीरपुर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में पिछले नौ दिनों से खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम ने बुधवार को खनिज विभाग में मौरंग खनन के पट्टों के लिये जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति और अन्य सूचनाओं के अभिलेख खंगाले। इसके बाद टीम के तीनों अधिकारी जिला सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग पैदल पहुंचे। सीबीआई ने बसपा सरकार में तैनात रहे आईएएस जी श्रीनिवास के समय जारी किये गये खनन के पट्टों की नीलामी सूचनाओं के अभिलेख तलब किये हैं।


सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम हमीरपुर स्थित मौदहा बांध निर्माण खंड के निरीक्षण भवन में पिछले 9 दिनों से कैंप कर अवैध खनन की जांच कर रही है। बुधवार को सीबीआई टीम कलेक्ट्रेट स्थित खनिज विभाग पहुंची और वर्ष 2010 में तत्कालीन जिलाधिकारी जी श्रीनिवास के समय सरीला क्षेत्र के बेंदा दरिया में मौरंग खनन के पट्टों के लिये जारी किये गये पत्र और अन्य सूचनाओं के अभिलेख खंगाले। इसके बाद सीबीआई टीम के तीनों अधिकारी खनिज विभाग से ही जिला सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग पैदल पहुंचे। यहां जिला सूचना कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं मिला। टीम के तीनों अधिकारियों ने कार्यालय में बैठकर खनिज विभाग से जारी हुये मौरंग खनन के पट्टों से सम्बन्धित नीलामी सूचना का ब्यौरा तलब किया। बसपा सरकार में वर्ष 2010 में बेंदा दरिया खंड में दस एकड़ का मौरंग पट्टा जारी किया गया था। इसके लिये खनिज विभाग ने नीलामी सूचना भी जारी की थी। इसकी एक प्रति जिला सूचनाधिकारी को भी भेजी गयी थी। नीलामी विज्ञप्ति एक लोकल अखबार में छपवाकर खनिज विभाग ने अपने रिकार्ड में रख लिया था।


मौरंग खनन के पट्टे को लेकर प्रकाशित नीलामी सूचना सार्वजनिक नहीं की गयी थी। सिर्फ खानापूरी के लिये ये कार्यवाही की गयी थी। अवैध खनन की जांच में जुटी सीबीआई को बेंदा दरिया क्षेत्र में किसानों और अन्य लोगों के बयान के दौरान कुछ साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिसके तार सीधे तौर पर खनिज विभाग से जुड़े हैं। जिले के सरीला क्षेत्र में अधाधुंध अवैध खनन का खेल चला हैं, जिसमें सपा सरकार के काफी करीबी लोग भी कहीं न कहीं लिप्त हैं। इसी गुत्थी को सुलझाने में सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ाते हुये सरीला क्षेत्र की ओर कर दिया है। खनन घोटाले की परत खोलने में जुटी सीबीआई के सख्त तेवर देख मौरंग कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। ज्यादातर मौरंग कारोबारियों के मोबाइल फोन स्विच आफ बता रहे हैं। सीबीआई की एफआईआर में नामजद तमाम मौरंग कारोबारियों ने तो क्षेत्र ही छोड़ दिया है।